Chitrakoot: हिंदू धर्म में तीर्थ स्थानों का विशेष महत्व होता है। प्रयागराज को तीर्थराज कहा जाता है, लेकिन मान्यताओं के अनुसार चित्रकूट को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है। चित्रकूट को भगवान राम की तपोभूमि माना जाता है। रामायण के अनुसार, भगवान राम ने अपने वनवास का अधिकांश समय चित्रकूट में बिताया था। यहां उन्होंने माता सीता और लक्ष्मण के साथ रहकर तपस्या की थी। इसीलिए चित्रकूट को भगवान राम से गहरा नाता है।
क्यों चित्रकूट को माना जाता है तीर्थों का तीर्थ ?
रामायण में चित्रकूट का वर्णन बहुत विस्तार से मिलता है। भगवान राम ने चित्रकूट में ही अपने वनवास का अधिकांश समय बिताया था। भगवान राम ने स्वयं कहा था कि चित्रकूट उनका निवास है। चित्रकूट को भगवान राम की तपोभूमि माना जाता है। जब भगवान राम ने अपने पिता दशरथ का श्राद्ध किया था, तब सभी देवी-देवता चित्रकूट में शुद्धि भोज के लिए आए थे। यहां की प्राकृतिक सुन्दरता देख सभी देव मोहित हो गए और वापस जाने के विचार भूल गए। इसलिए ऐसा माना जाता है कि सभी देवताओं का निवास है और यहां जाने से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। चित्रकूट की प्राकृतिक सुंदरता भी इसे एक पवित्र स्थल बनाती है। यहां के घने जंगल, पहाड़ और नदियां मन को मोहित कर लेती हैं।