मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित एक स्थल है, जो एलीफेंटा नाम से विश्वविख्यात है। यहां पहाड़ को काटकर बनाई गई इन सुंदर और रहस्यमय गुफाओं को किसने बनाया होगा? सचमुच यहां की सैर करना रोमांच से भरा होता है। मुंबई में स्टीमर या जहाज के द्वारा आप यहां पहुंच सकते हैं।
1.माना जाता है कि इसे 7वीं व 8वीं शताब्दी में राष्ट्रकूट राजाओं द्वारा खोजा गया था। 'खोजा गया था' का मतलब यह कि यह उन्होंने बनाया नहीं था। हालांकि 9वीं से 13वीं शताब्दी में सिल्हारा वंश के राजाओं द्वारा मूर्ति निर्माण के भी प्रमाण हैं। कुछ मानते हैं कि इन गुफा मंदिरों का निर्माण 5वीं से 7वीं सदी के बीच हुआ था।
2.एलीफेंटा को घारापुरी के पुराने नाम से जाना जाता है, जो कोंकणी मौर्य की द्वीप राजधानी थी। इसका ऐतिहासिक नाम घारापुरी है। यह नाम मूल नाम अग्रहारपुरी से निकला हुआ है। 1534 में पुर्तगालियों द्वारा इसका नाम एलीफेंटा रखा गया।
4. यहां हिन्दू धर्म के अनेक देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। यहां भगवान शंकर की 9 बड़ी-बड़ी मूर्तियां हैं, जो शंकरजी के विभिन्न रूपों तथा क्रियाओं को दिखाती हैं। इनमें शिव की त्रिमूर्ति प्रतिमा सबसे आकर्षक है। यह पाषाण-शिल्पित मंदिर समूह लगभग 6,000 वर्गफीट के क्षेत्र में फैला है। 'द्वारपाल' की विशाल मूर्तियां अत्यंत प्रभावशाली हैं। इस गुफा में शिल्पकला के कक्षों में अर्द्धनारीश्वर, कल्याण सुंदर शिव, रावण द्वारा कैलाश पर्वत को ले जाने, अंधकारी मूर्ति और नटराज शिव की उल्लेखनीय छवियां दिखाई गई हैं।