यहां आकर भाग जाते हैं भूत-प्रेत
स्वत: ही प्रकट हुई हनुमानजी की आकृति : राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाड़ियों के बीच बसा हुआ घाटा मेहंदीपुर नामक स्थान है, जहां पर बहुत बड़ी चट्टान में हनुमानजी की आकृति स्वत: ही उभर आई है जिसे श्रीबालाजी महाराज कहते हैं। इसे हनुमानजी का बाल स्वरूप माना जाता है।
बहुत ही प्रसिद्ध और चमत्कारिक है यह मंदिर : जनश्रुति है कि यह मंदिर करीब 1 हजार साल पुराना है। यहां के हनुमानजी का विग्रह काफी शक्तिशाली एवं चमत्कारिक माना जाता है तथा इसी वजह से यह स्थान न केवल राजस्थान में बल्कि पूरे देश में विख्यात है। यहां हनुमानजी के साथ ही शिवजी और भैरवजी की भी पूजा की जाती है।
भूत-प्रेत भाग जाते हैं यहां से : यहां आपको कई विचित्र नजारे देखने को मिल जाएंगे, जिन्हें पहली बार देखकर लोग हैरत में पड़ जाते हैं और डर भी जाते हैं। विज्ञान भूत-प्रेतों को नहीं मानता है लेकिन यहां हर दिन दूर-दराज से ऊपरी बाधा और प्रेत बाधा से परेशान लोग मुक्ति के लिए आते हैं और मुक्त होकर चले जाते हैं।
छेद से बहता रहता है जल : मेहंदीपुर बालाजी की मूर्ति की खास बात यह है इसमें बायीं ओर एक छेद है जिससे लगातार जल बहता रहता है। कुछ लोग इसे बालाजी का पसीना भी कहते है। हालांकि इसका स्रोत क्या है? ये तो किसी को नहीं पता। लेकिन इस जल को इतना पवित्र मानते है कि इसकी छीटें पड़ने से बुरी नजरों से बचाव हो जाता है।