उत्साह से भर उठी मैं : जब मैंने करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से यात्रा शुरू की, तो मेरे मन में एक अजीब सी उत्सुकता और उत्साह था। यात्रा शुरू होने से पहले मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे कुछ अनदेखी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। किसान आंदोलन के कारण हमें करतारपुर कॉरिडोर तक का रास्ता तय करना किसी परीक्षा से कम नहीं लगा। हमारे अंदर की उत्सुकता और रौशनी मानो कहीं खो सी गई थी। किसानों ने ट्रैक्टर और ट्रॉलियों से रास्ता बंद कर रखा था। हमें पुलिसकर्मियों द्वारा कोई सहायता नहीं मिली। पंजाब की गलियों में कर्फ्यू जैसा माहौल था। न कोई इंसान और न ही कोई गाड़ी आसपास, सिर्फ हम और हमारी प्रार्थना। ऐसी परिस्थिति देख हमने हार ही मान ली थी, मानो हमारी किस्मत में दर्शन करना नहीं लिखा हो। लेकिन कहते हैं किस्मत से ज़्यादा और किस्मत से कम किसी को कभी नहीं मिला है।