अद्भुत रामायण में उल्लेखित एक घटना के अनुसार एक दिन भूख लगने पर हनुमानजी सीता माता के पास पहुंचे। उन्होंने वहां उनकी मांग में सिंदूर लगा देखा तो पूछा- माता! आपने अपनी मांग में यह कैसा लाल द्रव्य लगा रखा है? इस पर सीता माता ने जवाब दिया, 'पुत्र! सुहागिन स्त्रियां इसे अपने स्वामी की दीर्घायु के लिए जीवनभर लगाती हैं। इससे स्वामी प्रसन्न भी रहते हैं।
इसके बाद हनुमानजी ने माता जानकी के कथन पर गहराई से विचार किया। उन्होंने सोचा कि क्यों न मैं भी इसे अपने पूरे शरीर पर लगाकर भगवान श्रीराम को अमर कर दूं। यह सोचकर कलेवा करने के बाद हनुमानजी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर धारण कर लिया तभी से हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाते हैं।