sita navami :सीता नवमी का पर्व मनाया जा रही है, धार्मिक मान्यता के अनुसार माता सीता को लक्ष्मी जी का अवतार माना जाता है। माता जानकी का विवाह अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र भगवान श्रीराम से हुआ था। और उन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना गया हैं। विवाह पश्चात् देवी सीता और भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास बिताना पड़ा था। वैसे तो माता सीता के जन्म के बारे में कई प्रचलित पौराणिक कथाएं मिलती है। कहीं-कहीं उन्हें लंकापति रावण की पुत्री भी बताया जाता हैं।
आइए जानते हैं यहाँ माता सीता की प्रचलित जन्म कथा...
इस प्रचलित कथा के अनुसार माता सीता को लंकापति रावण और मंदोदरी की पुत्री कहा गया हैं। और सीता जी वेदवती नाम की एक स्त्री का पुनर्जन्म थी। वेदवती विष्णु जी की परमभक्त थी और वह उन्हें पति के रूप में पाना चाहती थी।
रावण ने वेदवती को अपने साथ चलने के लिए कहा लेकिन वेदवती ने साथ जाने से इंकार कर दिया। वेदवती के मना करने पर रावण को क्रोध आ गया और उसने वेदवती के साथ दुर्व्यवहार करना चाहा रावण के स्पर्श करते ही वेदवती ने खुद को भस्म कर लिया और रावण को श्राप दिया कि वह रावण की पुत्री के रूप में जन्म लेंगी और उसकी मृत्यु का कारण बनेंगी।
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