भारतीय गणतंत्र आज परिपक्व हो गया है। 60 वाँ दिवस मनाते हुए सहज ही गौरवमयी स्मृतियों को नमन करने को दिल करता है। पिछले वर्षों में विश्व-पटल पर भारत की छवि उजली होकर उभरी है। साल दर साल प्रगति ने भारत की बाँह थामे रखी है। यह और वजह है कि आतंकवाद जैसे कलंक ने हमारी सुरक्षा व्यवस्था पर बार-बार प्रश्नचिन्ह खड़े किए हैं। हमारी प्रशासनिक और राजनीतिक व्यवस्था चिन्ता का विषय बनी है। किन्तु इस सबके बावजूद भारत की स्वर्णिम उपलब्धियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
* देश की महिलाओं के सिर गर्व से उठ गए जब भारत को पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में श्रीमती प्रतिभा पाटिल मिली।
* यह भी इसी भारत की शान रही कि अंतरिक्ष में जाने वाली सुनीता विलियम कल्पना चावला के बाद दूसरी भारतीय महिला बनी।
* भारत-अमेरिका परमाणु करार को अन्तत: सफलता मिली।
* अभिनव बिन्द्रा ने ओलिम्पिक में भारत को स्वर्ण दिलाया।
* महिला टेनिस में विदेशी वर्चस्व को चुनौती दी उदीयमान खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने।
* भारत के छोटे से गाँव के लक्ष्मी मित्तल दुनिया के 100 प्रभावी शख्सियत मे गिने गए।
* बॉबी जिंदल अमेरिका के लुसियाना में गवर्नर का चुनाव जीतने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति बने।
* अरूंधति रॉय, झुम्पा लाहिड़ी,अरविंद अडीगा भारतीय युवाओं की प्रेरणा बने। प्रतिष्ठित बुकर अवार्ड पर भारतीय लेखनी ने विजय हासिल की।
*भारतीय मूल के मैनेजमेंट गुरु सी.के. प्रह्लाद दुनिया के सबसे प्रभावशाली मैनेजमेंट थिंकर चुने गए।
* अंतरिक्ष के सबसे सौम्य ग्रह पर चन्द्रयान भेज भारत ने 6 विकसित देशों की बराबरी कर एक नया कीर्तिमान रचा।
* ऑस्कर के द्वार पर भारतीय दस्तक अब सपना नहीं रहा। ऑस्कर में तीन नामांकन पाने वाले ए.आर. रहमान पहले भारतीय संगीतकार बने।