क्‍या माँगू ?

एक एहसास माँगा,
SubratoND

तेरा साथ माँगा,
तेरी उम्‍मीद तेरा विश्‍वास माँगा
अब न कोई अरमान न कोई चाहत है,
तुम्‍हारे जाने के बाद भी वो पल माँगा,
नाउम्‍मीदी कभी रही नहीं,
जब जो माँगा,वो अपने दामन में पाया।

आज भी तुम्‍हारे इंतजार में हूँ,
जब भी मिलोगे उन पलों को फिर पा लूँगी,
उसी उम्‍मीद में अब भी जी रही हूँ
कि फिर वही चाहत तुमसे माँग लूँगी….