उस बारिश से इस बारिश तक तुम नहीं बदले बदली तो मैं हूँ मैंने अब
अपनी आँखों के बरसते सावन को हरियाली में बदल लिया है इस सुखद बदलाव के लिए शुक्रगुजार हूँ तुम्हारी कि तुम अब तक नहीं बदले क्योंकि यदि तुम बदल जाते तो मैं नहीं बदल पाती और यदि मैं नहीं बदलती तो बारिश की जरूरत ही कहाँ रहती मैं और मेरी आँखें ही बरसती रहती, इस बारिश से उस बारिश तक मैं और बदलना चाहूँगी तुम मत बदलना तुम ऐसे ही रहना - संकलित