सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली छात्रा ने बताया कि वहां न बिजली है, न पानी आ रहा है और दुकानदार क्रेडिट या डेबिट कार्ड नहीं ले रहे, वहीं एटीएम में भी पैसा नहीं है। उसने कहा कि हम जरूरी सामान और खाने की चीजें भी नहीं खरीद पा रहे।
सूमी में फंसे एक और भारतीय छात्र आशिक हुसैन सरकार ने पीटीआई से कहा कि हमारी हिम्मत जवाब दे रही है। हमें अभी तक ताजा जानकारी का इंतजार है। मेडिकल की चौथे वर्ष की पढ़ाई कर रहे अजीत गंगाधरन ने कहा कि हम पैदल निकलने के लिए तैयार ही थे, लेकिन सरकार ने हमें रुकने और कोई जोखिम नहीं लेने को कहा। हम रुक गये, लेकिन कब तक?
वीडियो जारी होने के कुछ ही समय बाद भारत सरकार ने छात्रों से बंकरों और अन्य आश्रयस्थलों में ही ठहरने को कहा और आश्वासन दिया कि उन्हें जल्द बाहर निकाला जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से फोन पर बात की थी और सूमी में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने में उनका सहयोग मांगा था।