नई दिल्ली। बेलारूस में स्थानीय प्राधिकारियों और विश्वविद्यालयों से आश्वासन के बावजूद वहां पढ़ रहे भारतीय छात्र भी स्वदेश लौटने की तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें यूक्रेन युद्ध के और फैलने की आशंका है। यूक्रेन में युद्ध सोमवार को अपने 12वें दिन में प्रवेश कर गया और कीव और मॉस्को के बीच तनाव कम होने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है। छात्रों ने कहा कि बेलारूस में दहशत है और भारत में उनके परिवार भी उनकी कुशलता के बारे में चिंतित हैं।
बेलारूसी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के मेडिकल छात्र सौरव ने कहा कि उन्होंने और उनके दोस्तों ने 10 मार्च के लिए भारत के लिए उड़ान में टिकट बुक की हैं। उन्होंने कहा कि हम चिंतित हैं, क्योंकि युद्ध समाप्त नहीं हो रहा है। जब यूक्रेन में हिंसा हुई तो बेलारूस में दहशत फैल गई। बेलारूस में कोई हिंसा नहीं हुई है, लेकिन हर कोई चिंतित है इसलिए छात्रों ने देश छोड़ने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि हमने विश्वविद्यालय के अधिकारियों से हमें जाने की अनुमति देने का आग्रह किया। इससे पहले उन्होंने यह कहते हुए अनुरोध को अस्वीकार कर दिया कि बेलारूस में कोई हिंसा नहीं है इसलिए हमने (भारतीय) दूतावास (मिन्स्क में) से संपर्क करने का फैसला किया। दूतावास द्वारा विश्वविद्यालय के अधिकारियों से बात करने के बाद उन्होंने हमें जाने दिया।
सौरव ने कहा कि कुछ छात्र पहले ही बेलारूस छोड़ चुके हैं जबकि अन्य टिकट बुक करने का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि उनकी कीमतें दोगुनी हो गई हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास ने छात्रों को आश्वासन दिया कि जो लोग वहां रहना चाहते हैं, उन्हें जरूरत पड़ने पर निकाला जाएगा। केरल में एक छात्र समन्वयक प्रफुल्ल चंद्रन ने फोन पर बात करते हुए कहा कि छात्र चिंतित हैं और उनके माता-पिता की चिंताओं ने उन्हें बेलारूस छोड़ने के लिए प्रेरित किया है।