यूक्रेन संकट : राकेश टिकैत का बड़ा आरोप- फंसे छात्रों में भी सरकार तलाश रही वोट

हिमा अग्रवाल

गुरुवार, 3 मार्च 2022 (00:17 IST)
उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनावी समर समाप्ति की तरफ बढ़ रहा है और मतगणना परिणाम कुछ दिन बाद सामने आ जाएंगे। मतगणना से पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक बयान दिया है।

उन्होंने कहा है कि मतगणना में गड़बड़ी की आशंका है, इसलिए मतगणना स्थल पर 9 मार्च में ही ट्रैक्टर लेकर जनता डेरा डाल दें, आज देश को बड़े आंदोलन की जरूरत है, क्योंकि यूक्रेन युद्ध में भी सरकार वोट की तलाश कर रही है, जिसको ऑपरेशन गंगा नाम दिया गया है।

बागपत में मीडिया से बातचीत करते हुए राकेश टिकैत बोले कि केंद्र सरकार यूक्रेन में फंसे छात्रों में भी वोट तलाश रही है। यूक्रेन से जितने छात्र वापस भारत आएंगे, उनके फोटो खिंचवाएं जाएंगे और उनसे सरकार के पक्ष में बयानबाजी करवाएंगे ताकि चुनाव में चार वोट बढ़ जाए।

भारत सरकार यूक्रेन से जो भी छात्र सकुशल भारत वापस ला रही है, जो छात्र सरकार के दिल को भाने वाली स्पीच दे रहे है, उनका फोटो सेशन ऑपरेशन गंगा के नाम पर चलता है। टिकैत ने कहा कि सरकार को घेरते हुए कहा कि दूसरी एयरलाइंस से सम्पर्क कर जल्दी छात्रों को भारत लाया जा सकता था। एक छात्र की मौत भी हुई है यह बहुत दु:खद है। भारत सरकार को इलेक्शन प्यारा था, बच्चे प्यारे नहीं थे।

राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की फसलें भी डिजिटल इंडिया कैंपेन से जोड़ दिया जाएं ताकि किसानों के गन्ने का भुगतान समय हो जाएगा। टिकैत ने कहा कि वेस्ट यूपी में एक साल से कई शुगर कंपनियों ने गन्ने का भुगतान नहीं किया, लेकिन कुछ जगहों पर चुनाव के दौरान भुगतान 10 दिन में या 15 में शुगर कंपनियों ने गन्ना भुगतान दिया है।

सरकार यदि चाहें तो शुगर कंपनियों से गन्ना पेमेंट किसानों को दिला सकती है। उन्होंने किसानों को चेताया और बोले कि सरकार जब चाहे गन्ना भुगतान करवा सकती है। यदि प्रदेश में हर साल चुनाव हो जाएंगे तो गन्ने का भुगतान भी हर साल हो सकता है।

उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव की मतगणना 10 फरवरी को होनी है, लेकिन मतगणना सही हो उसके लिए सतर्क रहने की जरूरत है, इसलिए 9 फरवरी को जनता मतगणना स्थल के आसपास ट्रैक्टर लेकर पहुंच जाए, 10 फरवरी को मतगणना स्थल के पास किसी को फटकने नही दिया जाएगा। सरकार ने जो जिला पंचायत चुनाव में किया है, वैसा फिर से करेंगे, इसलिए अब इसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। अपनी एक-एक वोट का हिसाब रखना पड़ेगा।

टिकैत ने कहा कि 13 माह का किसान आंदोलन चला। सरकार ने किसानों से अंतिम वार्ता 22 जनवरी 2021 को की थी, उसके बाद कोई बात नहीं हुई। क्या देश कोरिया की तरफ बढ़ रहा है, क्या यहां दूसरा किंग जोंग पैदा होगा? सरकार को चाहिए कि वह बातचीत भी करें लेकिन सरकार बात नहीं करना चाहती। राकेश टिकैत ने कहा कि हम किसी भी पार्टी के लिए काम नहीं करते, हमेशा से भारतीय किसान यूनियन गैर राजनीतिक रहा है, किसानों का हितैषी है और रहेगा।

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