रूस-यूक्रेन युद्ध में लगातार इस बात की आंशका जाहिर की जा रही है कि कहीं रूस यूक्रेन पर परमाणु हमला ना कर दें। इन आंशकाओं को इस बात से बल मिलता है क्योंकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी न्यूक्लियर फोर्स को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया था। वहीं रूस की इस कार्रवाई के बाद अमेरिका ने रूस के आसपास के देशों में परमाणु हथियारों की तैनाती बढ़ाना शुरू कर दिया है।
रूस और यूक्रेन युद्ध में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना को यूक्रेन में भारत के पूर्व राजदूत रहे वीबी सोनी फिलहाल नकार देते है। 'वेबदुनिया' से बातचीत में वह कहते हैं कि इसको समझना होगा कि रूस ने परमाणु हथियार को लेकर जो बात कही है वह सिर्फ युद्ध की एक रणनीति का हिस्सा है। युद्ध में परमाणु हथियार अन्य पारंपरिक हथियारों की तरह उपयोग नहीं होते है।
यूक्रेन में लंबे समय तक भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले वीबी सोनी कहते हैं कि रूस ने परमाणु हथियारों के उपयोग की बात यूक्रेन के लिए नहीं की है, बल्कि यह बातें अमेरिका और यूरोपियन यूनियन के लिए कही गई है। रुस से परमाणु हथियारों को लेकर अमेरिका के साथ-साथ नाटो को केवल चेतावनी दी है कि अगर युद्ध में कोई देश सीधे यूक्रेन की तरह से आता है तो वह परमाणु हथियारों के उपयोग से भी पीछे नहीं हटेगा।
वीबी सोनी कहते हैं कि परमाणु हथियारों को जो असर जो होगा वह सिर्फ यूक्रेन पर नहीं होगा, इसका असर आपसपास के देशों पर भी होगा। वह 1986 की चेर्नोबिल परमाणु दुर्घटना का हवाला देते हुए कहते हैं कि इसका असर लंबे समय तक देखने को मिला था।
गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच आर्म्स कंट्रोल सेंटर ने अनुमान जताया है कि अमेरिका के करीब 100 परमाणु हथियार नाटो के पांच सदस्य इटली में एविएनो और घेडी, जर्मनी में बुकेल, तुर्की में इंकर्लिक, बेल्जियम में क्लेन ब्रोगेल और नीदरलैंड में वोल्केल देशों के छह बेस पर तैनात हैं वहीं अब अमेरिका इन्हीं की संख्या बढ़ाने जा रहा है।