प्राचीन भारत के ऐसे लोग जो हैं अयोनिजा, क्या यह सही है?

अयोनिजा का अर्थ होता है वह व्यक्ति जिसका जन्म किसी गर्भ से नहीं हुआ हो। अर्थात गर्भ से बाहर किसी विशेष परिस्थिति में हुआ हो। रामायण, महाभारत और अन्य हिन्दू शास्त्रों में हमें ऐसी ऐसी जन्मकथाएं पढ़ने को मिलती हैं जिन पर सहज ही विश्वास करना थोड़ा मुश्किल होता है। हम आपको बताना चाहते हैं अयोनिजों के नाम।
 
 
1. माता सीता : माता सीता का जन्म किसी के गर्भ से हुआ या नहीं हुआ यह एक रहस्य है, क्योंकि राजा जनक को वह हल चलाते वक्त धरती के भीतर से मिलती थी।
 
2. द्रौपदी-धृष्टदुम्न : महाभारत काल में द्रौपदी और उनके भाई धृष्टदुम्न का जन्म महाराज द्रुपद के यहां यज्ञकुंड से हुआ था इसीलिए द्रौपदी का एक नाम 'यज्ञसेनी' भी है।
 
3. कौरवों का जन्म : महर्षि वेदव्यास की कृपा से कुछ अलग तरह के 10 मटकों में हुआ था कौरवों का जन्म।
 
 
4. गणेशजी का जन्म : गणेशजी को माता पार्वती ने अपने शरीर के मेल या दुर्वा से बनाया था।
 
हालांकि कुछ शोधकर्ता यह मानते हैं कि यह कल्पित है। सभी का किसी ना किसी गर्भ से ही जन्म होता रहा है। रामायण, महाभारत और पुराण के श्लोकों का अर्थ गलत निकाले जाने से यह भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई मानी जाती है।... माता सीता और द्रौपदी के बारे में ऐसे भी कई वृत्तांत मिलते हैं जिससे यह सिद्ध होता है कि वह अयोनिजा नहीं थीं।
 
 
अयोनिजा क्या होता है?
अयोनिज यानी वो जो बिना योनि (गर्भाशय) के जन्म लेते हैं। जो शुक्र, रक्त आदि के संसर्ग से, जरायुज (यानी स्त्री पुरुष के संभोग से) से उत्पन्न नहीं होते, वे अयोनिज हैं। जैसे कीड़े जुंए आदि।
 
जो गर्मी से जन्मे हैं, जैसे कीड़े आदि, जो बिना मैथुन के जन्मे हैं, वे अयोनिज हैं। अतः अयोनिज में व्यभिचार होना सिद्ध नहीं होता। इसके विपरीत देवता व ऋषि के शरीर ऐसे नहीं होते। योनिज दो प्रकार के हैं- जरायुज और अंडज। जो गर्भ से जन्मे हैं, वो मनुष्य पशु आदि जरायुज हैं तथा जो पक्षी, सांप आदि हैं वो अंडे से उत्पन्न होने से अंडज हैं।'

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