3. रामायण में प्रभु श्रीरा राम को सीता से विवाह के लिए धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाना पड़ा थी, लेकिन इस कार्य में धनुष टूट गया था। महाभारत में नायक अर्जुन को द्रौपदी से विवाह करने के लिए धनुष बाण से मछली की आंख को भेदना था। एक ओर जहां यह कार्य पांडवों ने राजमहल से बाहर लक्षागृह से बचने के बाद वन में भटकने के दौरान किया था तो वहीं दूसरी ओर भगवान राम ऋषियों की सहायता के लिए वन में थे तभी वे जनकपुर गए थे और वहां उन्हों ने यह कार्य किया था।
4. रामायण और महाभारत दोनों में ही नायिका अपने पति के साथ वनवास जाती है। वनवास के दौरान सीता का हरण हो जाता है जबकि दूसरी ओर द्रौपदी के साथ भी ऐसी ही घटना घटती है। जयद्रथ उसका हरण कर ले जाता है, लेकिन पांडव द्रौपदी को अपहरणकर्ता जयद्रथ से बचा लेते हैं।
5. रामायण में जहां रावण के पास लगभग 2 वर्ष करने के बाद सीता पर शंका की जाती है और उसे अग्निपरीक्षा से गुजरना होता है वहीं द्रौपदी पर पांच पति होने के बाद उनके चरित्र पर शंका की जाती है। जबकि माता सीता पतिव्रता महिलाओं में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है ही द्रौपदी का नाम पंचकन्याओं और पांच पतिव्रता स्त्रियों में उनका नाम शामिल किया गया है। इन्हें भी सती सावित्री की ही तरह माना जाता है।