यदि डेंड्रफ, फंगस या किसी फफूंद के कारण आपके बाल झड़ गए हैं तो निराश होने की जरूरत नहीं। अर्थववेद की चरक संहिता में से निकालकर आपके लिए हम लाए हैं गंजेपन का सबसे आसान और सबसे सटीक इलाज जिसे विज्ञान भी मानता है।
अथर्ववेद के इस इलाज को आजकल जोंक थैरेपी कहा जाता है। इसे विज्ञान की भाषा में लीच थैरेपी कहा जाता है। यह थैरेपी गंजेपन में सबसे कारगर सिद्ध हुई है। गंजेपन के लिए इस इलाज का इस्तेमाल करीब 2,000 से भी ज्यादा सालों से जारी है।
इससे सिर में रक्तशोधन होकर रक्त का संचार बढ़ जाता है और नए सिरे से रोम छिद्रों में बाल उगने लगते हैं। आधे घंटे तक सिर से चिपकी रहने वाली जोंकों को फिर 6 माह तक इस्तेमाल नहीं किया जाता और उन जोंकों को दूसरे के सिर पर भी इस्तेमाल नहीं किया जाता। आधा घंटे के बाद जोंक के मुंह पर हल्दी डालकर उसे सिर से अलग कर लिया जाता है। जोंक चिकित्सा के दौरान और बाद में भी किसी भी प्रकार के साबुनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध रहता है।