9. सोलह संस्कार : गर्भाधान, पुंसवन, सीमन्तोन्नयन, जातक्रम, नामकरण, निष्क्रमण, अन्नप्राशन, चूड़ाकर्म, कर्णवेध, उपनयन, केशांत, सम्वर्तन, विवाह और वानप्रस्थ, परिव्राज्य या सन्न्यास, पितृमेध या अन्त्यकर्म। कुछ जगहों पर विद्यारंभ, वेदारंभ और श्राद्धकर्म का भी उल्लेख है। संस्कार से ही धर्म कायम है।