नास्त्रेदमस की हिन्दू धर्म के संबंध में 5 भविष्यवाणियां

नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवारी की पुस्तक सेंचुरी में भारत, हिन्दू धर्म और महान राजनेता के उत्थान की बात कही है। आओ जानते हैं इस बार हिन्दू धर्म से जुड़ी 5 सटीक भविष्यवाणी।
 
 
1.नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी की किताब सेंचुरी में लिखा है कि 'सागरों के नाम वाला धर्म, चांद पर निर्भर रहने वालों के मुकाबले तेजी से पनपेगा और उसे भयभीत कर देंगे 'ए' तथा 'ए' से घायल दो लोग।' (x-96)।
 
व्याख्‍या : चांद पर आधारित धर्म एक ही है इस्लाम और दुनिया में जितने भी सागर हैं उनमें से सिर्फ हिन्द महासागर के नाम पर ही एक धर्म है जिसे हिन्दू धर्म कहते हैं। आगे के वाक्य की व्याख्या करना कठिन हैं, लेकिन नास्त्रेदमस ने अपनी और भी भविष्यवाणियों में हिन्दू धर्म के उत्थान की बात कही है।
 
 
2. 'लाल के खिलाफ एकजुट होंगे लोग, लेकिन साजिश और धोखे को नाकाम कर दिया जाएगा।'...''धर्म बांटेगा लोगों को। काले और सफेद तथा दोनों के बीच लाल और पीले अपने-अपने अधिकारों के लिए भिड़ेंगे। रक्तपात, बीमारियां, अकाल, सूखा, युद्ध और भूख से मानवता बेहाल होगी।'' (vi-10)
 
व्याख्या : दुनिया में पिछले सैकड़ों वर्षों से धर्मयुद्ध चल रहा है। धर्म के नाम पर लोग एक-दूसरे को खत्म करने में लगे हैं। दरअसल, धर्म अब धर्म नहीं बल्कि अब सांप्रदायिक, आपराधिक और आतंकवादी संगठन बन गए हैं। ऐसे में सवाल कई उठते हैं और जवाब कहीं से भी नहीं मिलते हैं। लेकिन हम यदि संगठित धर्मों की ही बात करें तो किस धर्म के संबंध में क्या भविष्यवाणी कही गई है, यह जानना भी जरूरी है। लाल और पीले कौन है?
 
3. 'तीन ओर घिरे समुद्र क्षेत्र में वह जन्म लेगा, जो बृहस्पतिवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। उसकी प्रसंशा और प्रसिद्धि, सत्ता और शक्ति बढ़ती जाएगी और भूमि व समुद्र में उस जैसा शक्तिशाली कोई न होगा।'- (सेंचुरी 1-50वां सूत्र)  
 
 
व्याख्या : तीन ओर समुद्र से तो भारत ही घिरा हुआ है। भारत में गुरुवार एक ऐसा वार है जिसे सभी धर्म के लोग समान रूप से मानते हैं। भारत में पहले भी राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर, चाणक्य आदि महापुरुषों का जन्म हो चुका तात्कालीन समाज को काफी प्रभावित किया था। हालांकि अभी इस भविष्यवाणी के पूर्ण होने का इंतजार है। कौन करेगा गुरुवार को अपना अवकाश दिवस घोषित।
 
 
4. 'सांप्रदायिकता और श‍त्रुता के एक लंबे दौर के बाद सभी धर्म तथा जातियां एक ही विचारधारा को मानने लगेंगी।' (6-10)। 

 
व्याख्या : अब जहां तक एक ही विचारधारा को मानने की बात है तो ओशो रजनीश जैसे कई संतों को भारत, अरब, चीन सहित समूचे पश्चिम में ध्यान से पढ़ा जाता है और उनके विचारों से विश्व में नए तरह की धार्मिक क्रांति होने लगी है। दुनिया धीरे धीरे दुनिया हिन्दू धर्म के सत्य से प्रभावित होकर एक नए तरह के समूह में बदल रही है।

 
5.रूस बनेगा हिन्दू राष्ट्र : कई जगह इस भविष्यवाणी का उल्लेख मिलता है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती। यह भविष्यवाणी अशोक कुमार शर्मा की पुस्तक में भी नहीं मिलती है, कहते हैं कि ''दक्षिणी भारत से एक ऐसा नेता उभर कर आएगा जो पुरे विश्‍व को एक करके रख देगा।' उसके दौरान में रूस साम्यवाद का दामन छोड़ हिन्दू धर्म स्वीकार करेगा। मतबल यह कि रूस हिन्दू धर्म से प्रभावित होगा और भारत के साथ मिलकर अरब देशों में हिन्दू धर्म को बढ़ावा देगा।
 
 
साभार : अशोक कुमार शर्मा की पुस्तक नास्त्रेदमस की संपूर्ण भविष्यवाणियां (डायमंड पाकेट बुक्स)
 

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