औरंगजेब ने कितने और कौन कौन से हिंदू मंदिर तुड़वाए थे?

WD Feature Desk

गुरुवार, 6 मार्च 2025 (17:54 IST)
मुगलों के पहले उत्तर भारत में भव्य मंदिरों की संख्या इतनी अधिक थी कि उन्हें गिन पाना मुश्किल था। उन मंदिरों का स्वरूप भी भिन्न ही था। मुगलों या कहें कि इस्लामिक आक्रमणों का दक्षिण भारत पर ज्यादा असर नहीं हुआ इसलिए वहां आज भी मंदिरों की भव्यता और वहां की भारतीय शैली को देखा जा सकता है। मुगलों का प्रभाव क्षेत्र उत्तर भारत, मध्य भारत और पश्चिम भारत तक ही सीमित रहा था और उसमें भी अधिकतर क्षेत्र कभी उनके कब्जे में नहीं रहे फिर भी उनकी सेना जिस भी मार्ग से निकलती थी तो रास्ते में आने वाले मंदिरों को तोड़ा और लूटा जाता था यह बात इतिहास में दर्ज है। जहां तक मुगल बादशाह औरंगजेब की बात है तो मुगलों में सबसे ज्यादा क्रूर और विध्वंसक शासक उसे ही माना गया है। उसने कई मंदिरों को तोड़ने का आदेश दिया था। ALSO READ: औरंगजेब की कितनी हिन्दू पत्नियां थीं?
 
औरंगजेब ने 9 अप्रैल 1669 को हिंदुओं के मंदिरों के साथ-साथ विद्यालयों को भी गिराने का आदेश दिया। इस आदेश को काशी-मथुरा के मंदिरों से लेकर उसके सल्तनत के अधीन आने वाले सभी सूबों में लागू किया गया था। औरंगजेब के आदेश के बाद समय-समय पर जिन मंदिरों को गिराया गया था उनमें सोमनाथ, काशी, मथुरा और अयोध्या के सैकड़ों मंदिरों के साथ ही वडनगर के हथेश्वर मंदिर, उदयपुर में झीलों के किनारे बने 3 मंदिर, उज्जैन के आसपास के मंदिर, सवाई माधोपुर में मलारना मंदिर, गोलकुंडा के मंदिर आदि अन्य सैकड़ों स्थानों के मंदिर प्रमुख है। ALSO READ: मुगल बादशाह औरंगजेब की क्रूरता के 10 किस्से
 
हिंदू, बौद्ध और जैन मंदिरों का विध्वंस: 
1. मुगलकाल के अंतिम दौर में औरंगजेब का आतंक था। 31 जलाई 1658 को औरंगजेब मुगल बादशाह बना तभी से आतंक का दौरा प्रारंभ हो गया।  औरंगजेब के काल में हजारों मंदिरों को तोड़ा गया। उसकी सेना किसी भी दिशा में युद्ध करने जाती थी उस दिशा के रास्ते में पड़ने वाले सभी बड़े मंदिरों को तोड़ती, नगरों और गांवों को लूटती हुई जाती थी। इस दौरान हजारों निर्दोष हिंदू मारे जाते थे। 
 
2. उसने ही वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर, सोमनाथ मंदिर और मथुरा का केशवराय मंदिर तुड़वाया था। हालांकि इन मंदिरों के पहले के मुगलों ने भी तुड़वा दिया था लेकिन वक्त के साथ हिंदुओं ने इन मंदिरों को पुन: बना लिया था। परंतु औरंगजेब के काल में इनका पुन: विध्वंस हुआ और साथ ही इनके पास मस्जिद के निर्माण का भी आदेश दिया गया था।  
 
3. डॉ. एएस भट्ट ने अपनी किताब 'दान हारावली' में इसका जिक्र किया है कि टोडरमल ने मंदिर का पुनर्निर्माण 1585 में करवाया था। 18 अप्रैल 1669 को औरंगजेब ने एक फरमान जारी कर काशी विश्वनाथ मंदिर ध्वस्त करने का आदेश दिया। यह फरमान एशियाटिक लाइब्रेरी, कोलकाता में आज भी सुरक्षित है। उस समय के लेखक साकी मुस्तइद खां द्वारा लिखित 'मासीदे आलमगिरी' में इस ध्वंस का वर्णन है। औरंगजेब के आदेश पर यहां का मंदिर तोड़कर एक ज्ञानवापी मस्जिद बनाई गई। 2 सितंबर 1669 को औरंगजेब को मंदिर तोड़ने का कार्य पूरा होने की सूचना दी गई थी। इसके बाद 1777-80 में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होलकर द्वारा इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया था। इसका जिक्र जदुनाथ सरकार ने 'हिस्ट्री ऑफ औरंगजेब' किताब के पेज नंबर- 282 पर किया है।
 
4. कहा जाता है कि बनारस की मस्जिद का निर्माण औरंगजेब ने बिशेश्वर मंदिर की जगह पर करवाया था। उन्हीं पत्थरों से औरंगजेब ने एक ऊंची मस्जिद का निर्माण कराया। बनारस की दूसरी मस्जिद का निर्माण गंगा के तट पर तराशे हुए पत्थरों से कराया गया था। 
 
5. मथुरा में भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है और उसी जन्मभूमि के आधे हिस्से पर बनी है ईदगाह। औरंगजेब ने 1660 में मथुरा में कृष्ण मंदिर को तुड़वाकर ईदगाह बनवाई थी। 1669 में इस ईदगाह का निर्माण कार्य पूरा हुआ। इस ईदगाह के पीछे ही महामना पं. मदन मोहन मालवीय जी की प्रेरणा से पुन: एक मंदिर स्थापित किया गया है, लेकिन अब यह विवादित क्षेत्र बन चुका है, क्योंकि जन्मभूमि के आधे हिस्से पर ईदगाह है और आधे पर मंदिर। औरंगजेब ने मथुरा में करीब 78 खास मंदिरों को तुड़वाए थे। मथुरा में राजा मानसिंह द्वारा 1590 में निर्माण कराए गए गोविंद देव मंदिर आदि प्रमुख हैं। 
 
6. औरंगजेब ने अयोध्या के मंदिर को कभी बनने नहीं दिया। उसकी सेना बार बार मंदिर को तोड़ने आती रहती थी। उसने अपने अधिकार क्षेत्र के संपूर्ण राज्यों को पूर्ण इस्लामिक बनाने के लिए कई मंदिरों और गुरुद्वारों को ध्वस्त किया और वहां पर मस्जिद बनाने का आदेश दिया। अयोध्या में औरंगजेब ने स्वर्गद्वारी मंदिर और ठाकुर मंदिर स्थल पर मस्जिदों का निर्माण कराया था। औरंगजेब ने अयोध्या के हनुमान गढ़ी पर भी एक मस्जिद का निर्माण कराया था।
7. सोमनाथ मंदिर को कई बार तोड़ा गया- पहली बार 1665 ईस्वी में और दूसरी बार 1706 ईस्वी में। 1665 में मंदिर तुड़वाने के बाद जब औरंगजेब ने देखा कि हिन्दू उस स्थान पर अभी भी पूजा-अर्चना करने आते हैं तो उसने वहां एक सैन्य टुकड़ी भेजकर कत्लेआम करवाया। जब भारत का एक बड़ा हिस्सा मराठों के अधिकार में आ गया तब 1783 में इंदौर की रानी अहिल्याबाई द्वारा मूल मंदिर से कुछ ही दूरी पर पूजा-अर्चना के लिए सोमनाथ महादेव का एक और मंदिर बनवाया गया। 6 बार टूटने के बाद 7वीं बार इस मंदिर को कैलाश महामेरु प्रसाद शैली में बनाया गया। इसके निर्माण कार्य से सरदार वल्लभभाई पटेल भी जुड़े रह चुके हैं।
 
8. उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के वृंदावन नगर में वैष्णव संप्रदाय का मदन मोहन नामक मंदिर स्थित है। इसका निर्माण 1590 ई. से 1627 ई. के बीच मुल्तान के रामदास खत्री या कपूरी द्वारा करवाया गया था। भगवान श्रीकृष्ण का एक नाम मदन मोहन भी है। भगवान मदन गोपाल की मूल प्रतिमा आज इस मंदिर में नहीं है। मुगल शासन के दौरान इसे राजस्थान स्थानांतरित कर दिया गया था। आज मंदिर में उस प्रतिमा की प्रतिकृति की पूजा की जाती है, जबकि मूल प्रतिमा आज भी राजस्थान के करौली में है, क्योंकि औरंगजेब काल में इस मंदिर को तोड़ दिया गया था।
 
8. 1678 में औरंगजेब के कहने पर हमीदुद्दीन खान बहादुर ने बीजापुर के मंदिर को तोड़कर उसे एक मस्जिद में बदल दिया। बीजामंडल, जिसे विजय मंदिर मंदिर के नाम से जाना जाता है, विदिशा जिले के मुख्यालय में स्थित था। इस मंदिर को 1682 में नष्ट करके औरंगजेब ने इस जगह पर आलमगिरी मस्जिद का निर्माण कराया था। इस मस्जिद को बनाने में नष्ट किए गए मंदिर की सामग्री का ही इस्तेमाल किया गया था।
 
9. अहमदाबाद के पास सरसपुर शहर में चिंतामन मंदिर को सीता दास जौहरी ने बनवाया था। भगवान गणेश के इस मंदिर को औरंगजेब के आदेश पर कुव्वत-इल-इस्लाम नाम की एक मस्जिद में बदल दिया गया।
 
10. औरंगज़ेब ने उज्जैन के आस-पास और क्षिप्रा के किनारे स्थित सभी मंदिरों को नष्ट कर करवा दिया था। उसने महाकाल मंदिर पर भी चोट की थी। उसे वक्त मंदिर के शिवलिंग को हिंदुओं ने छुपाकर अलग रख दिया। 
 
11. उसने चित्तौड़, उदयपुर, और जयपुर के आस-पास 300 मंदिरों को नष्ट कर दिया था। 350 साल पहले वह जयपुर शहर अजमेर प्रांत का हिस्सा था। यहां एक भव्य मलरीना मंदिर था। औरंगजेब ने सेना भेजकर इसे गिरवा दिया था। मंदिर गिराने के 22 साल बाद 23 जून 1694 को दोबारा से औरंगजेब ने अजमेर के गवर्नर को मूर्ति पूजा पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। 'मुगल सम्राटों की धार्मिक नीति' किताब के पेज नंबर-149 में श्री राम शर्मा ने इस घटना का जिक्र किया है।
 
12. आंध्र प्रदेश के गोलकोंडा पर कब्जा करने पर औरंगजेब ने अब्दुर रहीम खान को हैदराबाद शहर का गवर्नर नियुक्त किया, जिसमें हिंदुओं की प्रथाओं, मंदिरों को नष्ट करने और उनकी साइटों पर मस्जिदों का निर्माण करने का आदेश दिया गया था। उस दौरान कई मंदिरों को तोड़कर उन्हीं की सामग्री से मस्जिद बनाई गई थी। गोलकोंडा के पतन के बाद 200 मंदिरों की सामग्री से औरंगजेब ने मैसाराम मस्जिद का निर्माण कराया था। इसके अलावा 1675 में हुबली में मंदिरों पर 17 मस्जिदें बनवाई गईं।
 
13. महाराष्ट्र के अमरावती जिले के रीतपुर में जामा मस्जिद को औरंगजेब ने एक हिंदू मंदिर की जगह पर बनाया था, जो समय बीतने के साथ उजाड़ हो गई थी। इसके बाद स्थानीय मुसलमानों की मदद से 1878 में इसका पुनर्निर्माण कराया गया।
 
14. पंजाब के सरहिंद सरकार के एक छोटे से गांव में, एक सिख मंदिर को तोड़कर एक मस्जिद में बदल दिया गया था। इसके लिए एक इमाम को नियुक्त किया गया था, जिसे बाद में मार दिया गया।
 
15. औरंगज़ेब ने एलोरा की गुफाओं में स्थित कैलाश मंदिर को भी तोड़ने का पूर्ण प्रयास किया। 1000 मजदूरों ने 3 साल तक कोशिश की, लेकिन सिर्फ़ 5% हिस्सा ही नष्ट कर पाए। यह मंदिर विशाल पर्वत को काटकर बनाया गया था। 

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