शानदार और लजीज समुद्री डिश का स्वाद लेने का आपका मन करे और अथाह सागर के किनारे बलखाती लहरों की प्रतिध्वनि एवं संगीत की धुन पर थिरकना चाहें तो अगली बार गोवा की बजाय जाकर दीघा का रुख करें।
दीघा पश्चिम बंगाल ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों के लोगों के लिए भी एक लोकप्रिय वीकेंड टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। कोलकाता से 187 किलोमीटर पूर्वी मिदनापुर जिले में स्थित प्रसिद्ध सी बीच दीघा का टूर किसी शुक्रवार को शुरू कर रविवार अथवा सोमवार सुबह तक लौटा जा सकता है।
दीघा को गोवा में बदलने और पर्यटकों को और अधिक आकर्षित करने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की महत्वाकांक्षा को मूर्तरूप देने के उद्देश्य से दीघा विकास प्राधिकरण ने इस लोकप्रिय सी रिसोर्ट की खूबसूरती को नया आयाम देने के लिए श्रृंखलाबद्ध योजनाएं शुरू की हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्य के पर्यटन विभाग, पर्यटन विकास निगम और दीघा शंकरपुर विकास प्राधिकरण (डीएसडीए) को इलाके के विकास के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए हैं।
राज्य सरकार ने पश्चिम बंगाल-ओडिशा सीमा पर दीघा से उदयपुर तक केबल कार और टॉय ट्रेन लाइन शुरू करने की योजना बनाई है। इसके अलावा दीघा और मांडरमानी के बीच 20 किलोमीटर लंबी समुद्रतटीय मार्ग का निर्माण भी प्रस्तावित है।
दीघा सी बीच पर सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों का ही नजारा देखा जा सकता है। बंगाल की खाड़ी के खारे पानी में प्रतिबिम्बित सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा एक कलाकार की परिकल्पना में सीधे तादात्म्य स्थापित करता महसूस होता है। दीघा बीच की एक अलग खासियत यह है कि यहां पानी की लहरें शांत हैं और तट से करीब 1 किलोमीटर की दूरी तक समुद्र में तैराकी के लिए सुरक्षित है।
इतिहास के पन्नों में भी दीघा का उल्लेख है। इसका मूल नाम 'वीरकुल' है जिसकी खोज 18वीं शताब्दी में अंग्रेजों ने की थी। 1923 में एक अंग्रेज पर्यटक जॉन स्मिथ ने दीघा की खूबसूरती से आकर्षित होकर यहां रहना शुरू किया था। भारत की आजादी के बाद स्मिथ ने दीघा को एक बीच रिसोर्ट के रूप में विकसित करने के लिए पश्चिम बंगाल के पहले मुख्यमंत्री विधान चन्द्र राय को राजी किया था।
दीघा में विकास के नए आयाम को हासिल करने के साथ ही पश्चिम बंगाल देश के उन कुछ राज्यों में शुमार हो जाएगा, जहां हिल्स और सी बीच दोनों ही हैं। हिल्स के रूप में दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल का ताज है, तो सी बीच की विशेषता लिए दीघा 'ब्यूटी ऑफ बंगाल' है।
सी बीच पर वॉटर, एटीएम, सीसीटीवी एवं वाईफाई के संस्थापन और प्लास्टिकमुक्त जोन बनाए जाने संबंधी कई योजनाएं भी चल रही हैं। हाल के वर्षों में पर्यटकों के बीच दीघा की लोकप्रियता में बढ़ोतरी हुई है और यहां आने वालों को उम्मीद है कि शीघ्र ही उन्हें ट्राय ट्रेन की सेवा भी मिलेगी। वर्तमान में पर्यटकों के लिए पुरानी दीघा से उदयपुर तक की यात्रा के लिए टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है।
डीएसडीए अध्यक्ष एवं तृणमूल कांग्रेस सांसद शिशिर अधिकारी का कहना है कि दीघा के विकास से संबंधित प्रस्ताव राज्य के वित्त विभाग को भेजे गए हैं। पहले इन योजनाओं को निजी-सरकारी भागीदारी के जरिए पूरा किए जाने का विचार था, लेकिन अब डीएसडीए स्वयं इन योजनाओं को हाथ में लेगा।
दूसरी तरफ दक्षिण-पूर्व रेलवे (एसईआर) ने दीघा स्टेशन पर एक वातानुकूलित प्रतीक्षालय स्थापित किया है और रेलमंत्री सुरेश प्रभु शीघ्र ही इसका उद्घाटन करेंगे। एक समय में करीब 40-45 लोगों के बैठने की क्षमता वाले इस प्रतीक्षालय में टेलीविजन सेट भी लगाया गया है।
एसईआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय घोष ने बताया कि हावड़ा और दीघा के बीच प्रतिदिन 3 ट्रेनें ताम्रलिप्ता एक्सप्रेस, दीघा सुपरफास्ट एसी एक्सप्रेस और कंडारी एक्सप्रेस चलती हैं। सप्ताहांत और अवकाश के मौकों पर इन ट्रेनों के फेरे भी बढ़ाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हम शीघ्र ही दीघा में वातानुकूलित प्रतीक्षालय का आनंद उठाएंगे। पर्यटक अपना होटल छोड़ने के बाद यहां कुछ घंटे ठहरने का लाभ उठा सकेंगे।
दीघा में शॉपिंग भी पर्यटकों का एक मनोरंजन से परिपूर्ण उपक्रम है। पर्यटक यहां सुंदर हैंडीक्राफ्ट और सीपियों से बनी आकर्षक सामग्रियां खरीदते नजर आते हैं। (वार्ता)