नई दिल्ली। शेयर बाजारों में उच्च मूल्यांकन और आम चुनावों के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) सतर्क हो गए हैं, और उन्होंने इस महीने के पहले सप्ताह में बाजार से 325 करोड़ रुपए निकाले।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक मार्च में 35,000 करोड़ और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपए का निवेश करने के बाद एफपीआई ने शुद्ध निकासी की।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अमेरिका में 10-वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल बढ़कर 4.4 प्रतिशत हो गया है, जिससे निकट अवधि में भारत में एफपीआई निवेश प्रभावित होगा।
उन्होंने कहा कि उच्च अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल के बावजूद एफपीआई की बिक्री सीमित रहेगी, क्योंकि भारतीय शेयर बाजार में तेजी है और यह लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है।
कैपिटलमाइंड के वरिष्ठ शोध विश्लेषक कृष्णा अप्पाला ने कहा कि आम चुनाव के बाद या अमेरिकी फेडरल रिजर्व से ब्याज दर में कटौती के शुरुआती संकेत मिलने पर एफपीआई वापस लौट सकते हैं। (भाषा)