Share bazaar News: स्थानीय शेयर बाजारों (stock markets) में सोमवार को जोरदार गिरावट आई और बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 2,200 अंक से अधिक का गोता लगा गया जबकि एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) में 662 अंक की गिरावट आई। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में नरमी की आशंका के बीच वैश्विक शेयर बाजारों में कमजोर रुख का असर घरेलू बाजार पर पड़ा।
30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 2,222.55 अंक यानी 2.74 प्रतिशत लुढ़ककर 1 महीने के निचले स्तर 78,759.40 अंक पर बंद हुआ। बाजार में चार जून, 2024 के बाद एक दिन में यह सबसे बड़ी गिरावट है। उस दिन यह 2,686.09 अंक टूटकर 78,295.86 अंक पर बंद हुआ था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 662.10 अंक यानी 2.68 प्रतिशत का गोता लगाकर 24,055.60 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 824 अंक लुढ़क कर 23,893.70 अंक तक आ गया था। निफ्टी में भी चार जून के बाद यह एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। उस दिन आम चुनाव के परिणाम के बाद बाजार में पांच प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई थी। विश्लेषकों के अनुसार वैश्विक स्तर पर जापान में निक्की 12 प्रतिशत से अधिक नीचे आया है। पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से बाजार धारणा प्रभावित हुई है।
एशिया और अमेरिकी बाजारों में : एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग के हैंगसेंग में तेज गिरावट आई। जापान का मानक सूचकांक सोमवार को 12.4 प्रतिशत लुढ़क गया। दुनिया के अन्य बाजारों में भी कमोबेश यही स्थिति रही। इसका कारण निवेशकों में आशंका है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ सकती है। शुक्रवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में कंपनियों में नियुक्तियां पिछले महीने धीमी रही। नियुक्तियों की रफ्तार उम्मीद के मुकाबले कहीं कम है।
यूरोपीय बाजारों में तेज गिरावट : यूरोपीय बाजारों में कारोबार के दौरान तेज गिरावट देखने को मिली। अमेरिकी बाजार में शुक्रवार को उल्लेखनीय गिरावट थी। सेंसेक्स के शेयरों में टाटा मोटर्स 7 प्रतिशत से अधिक नीचे आया। इसके अलावा अदाणी पोर्ट्स, टाटा स्टील, भारतीय स्टेट बैंक, पावरग्रिड, जेएसडब्ल्यू स्टील और मारुति में भी प्रमुख रूप से गिरावट रही। हालांकि, हिंदुस्तान यूनिलीवर और नेस्ले के शेयर लाभ में रहे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अमेरिका में रोजगार के आंकड़े निराशाजनक रहने से मंदी तथा एन की विनिमय दर में वृद्धि से 'कैरी ट्रेड' यानी सस्ती दर पर उधार लेकर दूसरे देशों की संपत्तियों में निवेश रुकने की आशंकाओं को लेकर निवेशकों के बीच सतर्क रुख के साथ वैश्विक बाजारों में जोरदार गिरावट रही।
सोमवार को जापान का निक्की 4,451.28 अंक टूटकर 31,458.42 अंक पर बंद हुआ। यह शुक्रवार को 5.8 प्रतिशत टूटा था। कुल मिलाकर 2 दिन में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इससे पहले, 19 अकटूबर, 1987 में यह 3,836 यानी 14.9 प्रतिशत टूटा था। उस समय वैश्विक स्तर पर गिरावट को 'काला सोमवार' नाम दिया गया था। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 3,310 करोड़ रुपए के शेयर बेचे।
स्वास्तिक इनवेस्मेंट लि. के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि वैश्विक बाजारों में मंदड़िए हावी रहे। जापान में ब्याज दर बढ़ने के कारण एन 'कैरी ट्रेड' की स्थिति पलटने की आशंका बाजार गिरने का प्रमुख कारण था। अमेरिका में रोजगार के आंकड़ों ने स्थिति और खराब की है। इससे दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका बढ़ी है। इन सबसे बाजार धारणा प्रभावित हुई।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.93 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75.33 डॉलर प्रति बैरल रहा। बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 1.08 प्रतिशत और एनएसई निफ्टी 1.17 प्रतिशत टूटा थे। 2 कारोबारी सत्रों में निफ्टी और सेंसेक्स करीब 4 प्रतिशत टूट चुके हैं।
रुपया 31 पैसे टूटकर 84.03 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर : रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 31 पैसे टूटकर 84.03 (अस्थाई) के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। पश्चिम एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिका में मंदी की चिंताओं के बीच व्यापक वैश्विक बाजारों में बिकवाली के चलते ऐसा हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि भारतीय शेयर बाजारों में तेज गिरावट और विदेशी निवेशकों की जोरदार बिकवाली के बाद घरेलू मुद्रा में गिरावट आई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.78 पर खुला और कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 83.76 के ऊपरी और 84.03 के निचले स्तर पर पहुंचा।
कारोबार के अंत में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया अपने नए सर्वकालिक निचले स्तर 84.03 (अस्थाई) पर बंद हुआ। इस तरह रुपए में 31 पैसे की गिरावट हुई। रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एक पैसे बढ़कर 83.72 पर बंद हुआ था।
शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचाव की धारणा के कारण रुपया नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा। पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से घरेलू मुद्रा पर और दबाव पड़ सकता है। हालांकि कमजोर अमेरिकी डॉलर और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से रुपए को निचले स्तर पर समर्थन मिल सकता है।
चौधरी ने कहा कि रिजर्व बैंक के किसी भी हस्तक्षेप से भी रुपए को लाभ हो सकता है। घरेलू शेयर बाजारों में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 2,222.55 अंक या 2.74 प्रतिशत गिरकर 78,759.40 अंक पर बंद हुआ। दूसरी ओर निफ्टी 662.10 अंक या 2.68 प्रतिशत गिरकर 24,055.60 अंक पर बंद हुआ। इस बीच 6 प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.65 प्रतिशत गिरकर 102.54 पर आ गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.91 प्रतिशत गिरकर 75.34 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 3,310.00 करोड़ रुपए के शेयर बेचे।(भाषा)