* शिव को गन्ने के रस से स्नान कराने पर लक्ष्मी प्राप्त होती है।
* भोलेनाथ को शुद्ध जल से स्नान कराने पर सभी इच्छाएं पूरी होती है।
* भगवान शिवलिंग पर बेलपत्र, अक्षत, दूध, फूल औल फल चढ़ाना चाहिए।
शिवरात्रि पर शिव आराधना से समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत का महत्व बताया गया है। शिव पूजा में आंकड़े के फूल व बिल्व पत्र का विशेष महत्व है।
थाली में कुंकू, हल्दी, गुलाल, अक्षत, जनेऊ के साथ अष्ट गंध या चंदन रखें। शिवलिंग को ॐ नमः शिवाय के उच्चारण के साथ जल चढ़ाकर पंचामृत अभिषेक करें। जल अर्पण कर कुंकू आदि चढ़ाएं और आस्थानुसार भोग (बोर, मिठाई) अर्पण तथा आरती करें। हो सके तो पूजा-अर्चना के साथ भांग या मावे का श्रृंगार भी करें।
पूजा में आंकड़े का फूल, धतुरा, पुष्प, इत्यादि भी चढ़ाकर प्रार्थना करें। व्रतधारी श्रद्धालुओं को एक समय फलाहार करना चाहिए। शिवरात्रि पर रात्रि पूजा का खास महत्व है। श्रद्धालुओं को रूद्र, शिवाष्टक का भी पाठ करना चाहिए।