महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर भूलकर भी न चढ़ाएं ये 5 वस्तुएं

Shivling par kya nahi chadhana chahiye: श्रावण मास, सोमवार, प्रदोष या महाशिवरात्रि पर जब भी शिवजी की पूजा करें तो शिवलिंग पर क्या अर्पित कर रहे हैं और क्या नहीं इसका विशेष ध्यान रखें अन्यथा शिवजी नाराज हो सकते हैं। शिवलिंग पर अनजाने में कहीं आप ऐसी चीजें तो नहीं अर्पित कर रहे हैं जिससे अशुभ फल मिल रहा हो। आओ जानते हैं ऐसी ही 5 चीजें जो शिवलिंग पर अर्पित नहीं की जाती है।
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1. तुलसी का पत्ता : शिवलिंग पर भूलकर भी तुलसी का पत्ता न चढ़ाएं। तुलसी पहले वृंदा के रूप में जालंधर की पत्नी थी, जिसका शिवजी ने वध किया था। वृंदा इससे दु:खी होकर बाद में तुलसी का पौधा बन गई थी। इसलिए भगवान शिव को उन्होंने अपने आलौकिक और देवीय गुणों वाले तत्वों से वंचित कर दिया। दूसरा भगवान विष्णु ने तुलसी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया है इसलिए भी शिवलिंग पर तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए।
 
2. कुमकुम या रोली: कुमकुम और रोली भी शिवलिंग पर नहीं लगायी जाती है। यह विष्णुप्रिया लक्ष्मी और सुहाग का प्रतीक है। इसलिए इसे भी अर्पित नहीं किया जाता है।
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3. नारियल : शिवजी को नारियल या नारियल का पानी भी अर्पित नहीं किया जाता, क्योंकि नारियल को श्रीफल कहते हैं। श्रीफल यानी की लक्ष्मी माता का स्वरूप। माता लक्ष्मी को शिवजी को कैसे अर्पित कर सकते हैं? शिव पर अर्पित होने के बाद नारियल या नारियल पानी ग्रहण योग्य नहीं रह जाता है और शिवजी नाराज हो जाते हैं।
 
4. सिंदूर : शिव पुराण में महादेव को विनाशक बताया गया हैं। कारण यह है कि भगवान शिव वैरागी हैं और वैरागी लोग अपने माथे पर राख डालते हैं, सिंदूर नहीं। सिंदूर सुगाह का प्रतीक है।
5. तिल : कई लोग जल या दूध अर्पित करते वक्त उसमें काले तिल मिलाकर अर्पित करते हैं। तिल को भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ माना जाता और इसे शनिदेव एवं पितरों को ही अर्पित किया जाता है। इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं अर्पित किया जाना चाहिए।
 
इसके अलावा केतकी फूल, लाल फूल, हल्दी, चावल, शंख से जल आदि भी अर्पित नहीं करते हैं। 

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