16 shradh paksha 2024: पितरों के उद्धार के लिए एकादशी का श्राद्ध जरूर करें, मिलेगी सद्गति

WD Feature Desk

मंगलवार, 24 सितम्बर 2024 (13:38 IST)
Highlights  
 
* एकादशी श्राद्ध पर क्या करें।
* 2024 में एकादशी श्राद्ध कब मनाया जाएगा।
* आश्विन कृष्ण एकादशी पर पितरों के उद्धार के लिए क्या करें।

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Ekadashi Shradh : वर्ष 2024 में इस बार श्राद्ध पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर, दिन मंगलवार से हो चुकी हैं तथा 16 दिवसीय श्राद्ध महालय का भाद्रपद पूर्णिमा तिथि से प्रारंभ होकर आश्विन कृष्ण अमावस्या के दिन यानि 02 अक्टूबर, दिन बुधवार को सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध पक्ष का समापन होगा।

श्राद्ध पक्ष की 16 तिथियां होती हैं। उनमें से कुछ तिथियां बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। इसीलिए श्राद्ध पक्ष में पिंडदान, तर्पण जरूर करना चाहिए। इन्हीं तिथियों में एकादशी तिथि का श्राद्ध बहुत ही खास माना जाता है। मान्यतानुसार भले ही इस दिन आपके किसी दिवंगत की तिथि न हो फिर भी श्राद्ध तर्पण अवश्य ही करना चाहिए। एकादशी का श्राद्ध करने से पितरों का उद्धार होता है तथा उन्हें सद्गति मिलती है। 
 
आइए जानते हैं यहां पितरों के उद्धार के लिए एकादशी पर क्या-क्या कर्म करें... 
 
• एकादशी का श्राद्ध करने से पितरों को अधोगति से मुक्ति मिलती है तथा सद्गति प्राप्त होती है।
 
• मान्यतानुसार यदि आपके कोई पूर्वज जाने-अनजाने में हुए अपने पाप कर्म के कारण यमलोक (नरक) में अपने कर्मों का दंड भोग रहे हैं, तो इस एकादशी पर विधिपूर्वक व्रत करके इस व्रत के पुण्य को पूर्वजों के नाम पर दान कर दिया जाए तो उन्हें इस दंड से छुटकारा मिलकर स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
 
• एकादशी तिथि का श्राद्ध करने से ऋषि और संन्यासियों को आशीर्वाद मिलता है।
 
• पितृ पक्ष की एकादशी के दिन भगवान शालिग्राम की मूर्ति का पूजन करें, ब्राह्मणों को भोजन कराने और पितरों का तर्पण करने से सभी तरह के संकट-परेशानियां दूर हो जाते हैं और रुके हुए सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं तथा घर में सुख-शांति एवं समृद्धि निरंतर बढ़ती है। 
 
• श्राद्ध पक्ष की एकादशी पर सबसे पहले देवताओं को अग्निग्रास दें। फिर गाय, कौए, कुत्ते, चींटी, मछली को भोजन कराएं और साथ ही पीपल वृक्ष के नीचे अन्न-जल रखें। इस तरह के कर्म से एकादशी का दोगुना फल आपको प्राप्त होगा और सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है।
 
• आश्विन कृष्ण एकादशी का श्राद्ध करने वाला निरंतर ऐश्वर्य की प्राप्ति करता है।
 
• एकादशी तिथि को संन्यास लेने वाले व्य‍‍‍क्तियों का श्राद्ध करने की परंपरा है।
 
• इस दिन एकादशी व्रत रखा जाता है। अत: इस बार इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
 
• एकादशी तिथि के दिन श्राद्ध का दान किया गया है, तो यह सर्वश्रेष्ठ दान है।
 
• इस दिन व्रत रखकर श्राद्ध कर्म करने से पितरों के देव अर्यमा और भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
 
• इस एकादशी का व्रत रखने और श्राद्ध करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है।
 
• एकादशी तिथि का श्राद्ध करने वालों को समस्त वेदों का ज्ञान प्राप्त होता है।
 
• एकादशी के श्राद्ध करने वालों के जीवन के संपूर्ण पाप कर्मों का विनाश हो जाता है। 
 
• इस दिन पूजा करके आप जाने-अनजाने में हुए अपने पाप कर्मों से छुटकारा भी पा सकते हैं।
 
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