श्राद्ध पक्ष प्रारंभ हो चुके हैं जो 25 सितंबर 2022 तक चलेंगे। श्राद्ध पक्ष में मुख्य रूप से 7 कार्य जरूर करना चाहिए। यदि आप ये 7 कार्य करते हैं तो आपके पितरों को मुक्ति मिलेगी और आपको भी पितृदोष से मुक्ति मिलेगी। इन कार्यों को करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का विकास होता है। सभी तरह के कष्ट मिट जाते हैं।
3. पंचबलि कर्म : अर्थात पांच जीवों को भोजन दिया जाता है। श्राद्ध में गोबलि, श्वान बलि, काकबलि, देवादिबलि और पिपलिकादि कर्म किया जाता है।
5. दस प्रकार के दान : जूते-चप्पल, वस्त्र, छाता, काला तिल, घी, गुड़, धान्य, नमक, चांदी-स्वर्ण और गौ-भूमि। इस दौरान दान-पुण्य का कार्य करना चाहिए। गरीबों या जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री, वस्त्र आदि दान करनी चाहिए। श्राद्ध में जो लोग भोजन कराने में अक्षम हों, वे आमान्न दान देते हैं। आमान्न दान अर्थात अन्न, घी, गुड़, नमक आदि भोजन में प्रयुक्त होने वाली वस्तुएं इच्छानुसार मात्रा में दी जाती हैं।
7. गरुढ़ पुराण का पाठ : इसके अलावा हनुमान चालीसा का पाठ,, पितृसुक्त का पाठ, पितृ गायत्री का पाठ, गजेंद्र मोक्ष पाठ, गरुढ़ पुराण, मार्कण्डेय पुराणांतर्गत 'पितृ स्तुति' का पाठ में से कोई भी एक पाठ कर सकते हो।