शास्त्रानुसार विष्णु को स्तुति, देवी को अर्चन, सूर्य को अर्घ्य एवं पितरों को तर्पण अतिशय प्रिय है। इसलिए श्राद्ध पक्ष में 'कुतप' काल में नित्य तर्पण करें। तर्पण सदैव काले तिल, दूध, पुष्प, कुश, तुलसी, नर्मदा/गंगाजल मिश्रित जल से करें। तर्पण सदैव पितृ तीर्थ (तर्जनी व अंगूठे के मध्य का स्थान) से करें।