- विनय कुशवाह
देवों के देव महादेव भगवान शिव को भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव को ऐसी चीजें प्रिय है जिन्हें लोग अप्रिय मानते हैं। चाहे विल्व पत्र हो, चाहे धतूरा हो ये ऐसी चीजें हैं जिन्हें अन्य देवी-देवता कभी पसंद नहीं करते। भोलेनाथ को श्रावण मास प्रिय है। भगवान शिव को श्रावण या सावन का महीना प्रिय है? श्रावण सोमवार को विशेष स्थान क्यों दिया जाता है? श्रावण के मास के सोमवार को महाकाल की सवारी क्यों निकाली जाती है?
श्रावण मास भगवान भोलेनाथ को प्रिय होता है, इसके पीछे एक रोचक कहानी है। सती माता ने जब अपने पिता का घर छोड़ा और कई सालों तक श्रापित जीवन व्यतीत करने के बाद हिमालय की पुत्री पार्वती के रुप में जन्म लिया। मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रुप में पाने के लिए श्रावण मास में कठिन तपस्या की।
भगवान शिव ने तपस्या से प्रसन्न होकर मां पार्वती को भार्या के रुप में स्वीकार किया। इसलिए भगवान शिव को श्रावण मास अत्यंत प्रिय है। श्रावण मास के सोमवार की बड़ी महिमा मानी जाती है। श्रावण मास में व्रत करने, पूजा इत्यादि से विशेष फल प्राप्त होता है।
श्रावण मास में प्रत्येक सोमवार को उज्जैन में महाकाल की सवारी निकाली जाती है। महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं। भगवान महाकाल को 21 तोपों की सलामी दी जाती है। महाकाल, चंद्रमौलेश्वर के रुप में सवारी पर निकलते हैं। नगरसेना के सिपाही, पुलिस बैण्ड की अगुवाई में महाकाल नगर के विभिन्न इलाकों से होते हुए रामघाट जाते हैं, वहां महाकाल की क्षिप्रा के जल से अभिषेक किया जाता है और वापस महाकाल मंदिर की ओर लौट जाते हैं।