श्रावण मास विशेष : ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर के बारे में खास बातें

सावन में दर्शन- भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
सावन ने दस्तक दे दी है और इसी के साथ त्योहारों ने भी। हिन्दू धर्म में सावन के समय ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का विशेष महत्व हैं। हिन्दू धर्म के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है भीमा ज्योतिर्लिंग, जो पुणे(महाराष्ट्र) से लगभग 110 किलोमीटर दूर शिराधन गांव में स्थित है। आइए जानें भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के बारे में ख़ास बातें।
 
1. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से जानते हैं।
 
2. 12 प्रमुख ज्योतिर्लिगों में भीमाशंकर का स्थान छठा है।
 
3. मान्यता है कि जो कोई इस मंदिर के प्रतिदिन सुबह सूर्य निकलने के बाद दर्शन करता है, उसके सात जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं तथा उसके लिए स्वर्ग के मार्ग खुल जाते हैं।
 
4. इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मात्र से व्यक्ति को समस्त दु:खों से छुटकारा मिल जाता है।
 
5. ऐसा कहा जाता है की शिव जी ने यहीं किया था कुम्भकर्ण के बेटे का वध, तभी से यहां पर ये मंदिर स्थापित है।
 
6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से मिलता है पापों से छुटकारा और होती है मोक्ष की प्राप्ति। 
 
7. मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश के लिए महिलाओं को साड़ी में होना जरूरी है, जबकि पुरुषों को एक वस्त्र धोती में होना जरूरी है।
 
8. अभिषेक या दूसरी स्थिति में ही गर्भगृह से प्रवेश की इजाजत है। 
 
9. भक्तों की भारी भीड़ होने की स्थिति में गर्भगृह से दर्शन बंद कर दिए जाते हैं, इसलिए समय के अनुसार दर्शन करने जाए। 
 
10. महाराष्ट्र के भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर में 29 जुलाई से सावन माह मनाया जाएगा।
 
11. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग एक सिद्ध स्थान है। यहां जो भी सच्चे मन से अपनी प्रार्थना लेकर आता है। वह पूर्ण होती है। सावन के मास में इस ज्योतिर्लिंग का नाम लेने से भी भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
प्रस्तुति : अनुभूति निगम 

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