धार्मिक मान्यता के अनुसार पंचकों में काष्ठ खरीदना निषिद्ध है, कुछ लोग इसे कांवड़ उठाना निषिद्ध बताते हैं। इसलिए इन पांच दिनों में कम कावड़ यात्री हरिद्वार पहुंचेंगे। हालांकि गुरुवार को करीब पांच लाख कावड़ यात्री हरिद्वार पहुंचे। जबकि पहले दिन 17 जुलाई को करीब सात लाख कावड़ यात्री गंगा जल लेने हरिद्वार आए थे।
पंचक में बांस से बनी वस्तुओं को खरीदना निषेध माना गया है। साथ ही, दक्षिण दिशा में यात्रा करने से शिवभक्त परहेज करते हैं। पंचक में शिवभक्तों के हरिद्वार आने का क्रम जारी रहेगा, लेकिन वापसी में इसका असर पड़ेगा। हरिद्वार से नई कावड़ लेकर जाने वाले शिवभक्त पंचक समाप्ति के बाद ही नई कावड़ लेकर हरिद्वार से रवाना होंगे।