2. महाकाल बाबा की सवारी : इस बार मंदिर समीति परंपरागत मार्ग से ही बाबा की सवारी निकालने की बात कह रही है। बाबा महाकाल की प्रति वर्ष सावन व भाद्रपद में सवारी निकाली जाती है। इस वर्ष कुल 6 सवारी निकाली जाएंगी। चांदी की पालकी में विराजकर बाबा अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर में भम्रण करेंगे। मंदिर समिति की ओर से हर दिन आधिकारिक वेबसाइट पर बाबा महाकाल के दर्शन दिखाए जाते हैं। बाबा महाकाल की आरती का प्रसारण भी लाइव दिखाया जाता है।
3. परंपरागत मार्ग : परंपरागत मार्ग के अनुसार महाकाल मंदिर से सवारी सबसे पहले कोटमोहल्ला पहुंचेगी। फिर क्रमवार गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। यहां महाकाल पेढ़ी पर पालकी को विराजित किया जाता है। इसके बाद भगवान महाकाल का शिप्रा जल से अभिषेक करने के बाद पूजा करते हैं। पूजा के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिकचौक, खाती समाज का जगदीश मंदिर, सत्यनारायण मंदिर के सामने से होकर ढाबारोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए करीब शाम 7.30 बजे पुन: महाकाल मंदिर पहुंचती है।
4. महाकाल सवारी की तारीखें:
18 जुलाई सोमवार : पहली सावरी। इस दिन नाग मरुस्थले पर्व, मौना पंचमी भी रहेगी।
25 जुलाई सोमवार : दूसरी सवारी। इस दिन सोम प्रदोष का व्रत भी रखा जाएगा।
1 अगस्त सोमवार : तीसरी सवारी। इस दिन विनायक या वरद चतुर्थी रहेगी।
8 अगस्त सोमवार : चौथी सवारी। इस दिन पवित्रा या पुत्रदा एकादशी रहेगी।
15 अगगस्त सोमवार : पांचवीं सवारी : इस दिन भादौ मास की गणेश संकष्टी चतुर्थी का व्रत रहेगा।