अमृत काल : दोपहर 03:16 से 04:47 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 07:16 से 07:38 तक।
वैसे तो साल में एक बार मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है, लेकिन इसके अलावा भी वर्ष में कई शिवरात्रियाँ आती हैं जिन्हें प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाते हैं। परंतु श्रावण मास की मासिक शिवरात्रि महत्वपूर्ण होती है। इस दिन व्रत करने से हर मुश्किल कार्य आसान हो जाता है और जातक की सारी समस्याएं दूर होती हैं।