तत्पश्चात श्रावण सोमवार की शाम शिवजी को चंदन, अक्षत, बिल्व पत्र, धतूरा या आंकड़े के फूल चढ़ाएं।
मंत्र पाठ के बाद भगवान शिवजी को घी, शक्कर, गेंहू के आटे से बने प्रसाद का भोग लगाएं। धूप, दीप से आरती करें। प्रसाद सबसे पहले गुरुजनों, बुजुर्गों और परिवार को दें फिर स्वयं ग्रहण करें।