श्रावण मास विशेष : शिव के पौराणिक धाम

यूं तो प्रत्येक शहर और गांवों में शिव के अनेक शिवालय है, जिनमें से अधिकतर का अपना अलग पुरातात्विक और पौराणिक महत्व भी है। पुराणों में बारह ज्योर्तिलिंग के अलावा भी शिव के पवित्र स्थानों का उल्लेख मिलता है। प्रत्येक स्थान से जुड़ी अनेक कथाएं हैं तथा इसका खगोलीय महत्व भी है।

आइए हम जानते हैं कि प्रमुख रूप से भगवान शिव के कौन-कौन से स्थान है।

कैलाश पर्वत

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कैलाश पर्वत भगवान शिव का मुख्‍य निवास स्थान है। कैलाश पर्वत चीन के तिब्बती इलाके में है। पर्वत के नजदीक ही विश्व प्रसिद्ध मानसरोवर झील है जहां मां पार्वती स्नान करती थी। पुराणों अनुसार उक्त स्थान के नीचे ही पाताल लोक है जहां भगवान विष्णु विराजमान है। कैलाश पर्वत के लाखों योजन ऊपर ब्रह्मा का स्थान माना गया है।


12 ज्योतिर्लिंग

ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति के संबंध में अनेकों मान्यताएं प्रचलित है। विक्रम संवत के कुछ सहस्राब्‍दी पूर्व उल्कापात का अधिक प्रकोप हुआ। आदि मानव को यह रुद्र का आविर्भाव दिखा। शिव पुराण के अनुसार उस समय आकाश से ज्‍योति पिंड पृथ्‍वी पर गिरे और उनसे थोड़ी देर के लिए प्रकाश फैल गया। यही उल्‍का पिंड बारह ज्‍योतिर्लिंग कहलाए।

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12 ज्योतिर्लिंग :- (1) सोमनाथ, (2) मल्लिकार्जुन, (3) महाकालेश्वर, (4) ओंकारेश्वर, (5) बैद्यनाथ, (6) भीमशंकर, (7) रामेश्वर, (8) नागेश्वर, (9) विश्वनाथजी, (10) त्र्यम्बकेश्वर, (11) केदारनाथ, (12) घृष्णेश्वर।


अमरनाथ


वैसे जो जम्मू और कश्मीर में सैकड़ों प्राचीन शिव मंदिर है और हिन्दू पंडितों द्वारा पलायन करने के बाद सैंकड़ों मंदिर तोड़ दिए गया है किंतु विश्व प्रसिद्ध अमरनाथ तीर्थ स्‍थल का ही ज्यादा महत्व है। यह वह स्थान है जहाँ भगवान शिव ने माँ पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था।

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इस स्थान को अमरनाथ की गुफा कहा जाता है। स्थानीय लोग इसे 'बर्फानी बाबा' की गुफा के नाम से पुकारते हैं। गुफा श्रीनगर से उत्तर-पूर्व में 135 सहस्त्रमीटर दूर समुद्रतल से 13,600 फुट की ऊँचाई पर स्थित है। इस गुफा की लंबाई 19 मीटर, चौड़ाई 16 मीटर और ऊँचाई 11 मीटर है

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