यह सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका के उत्तर पूर्वी भाग, उत्तरी एशिया और उत्तरी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। जब सूर्य, चंद्र और धरती जब एक सीध में होते हैं अर्थात् चंद्र के ठीक राहु और केतु बिंदु पर ना होकर ऊंचे या नीचे होते हैं तब खंड ग्रहण होता और जब चंद्रमा दूर होते हैं तब उसकी परछाई पृथ्वी पर नहीं पड़ती तथा बिंब छोटे दिखाई देते हैं। उसके बिंब के छोटे होने से सूर्य का मध्यम भाग ढंक जाता है, जिससे चारों और कंकणाकार सूर्य प्रकाश दिखाई पड़ता है।