साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर 2020 सोमवार के दिन है। साल 2020 की शुरूआत 10 जनवरी को चंद्र ग्रहण से हुई थी और इसकी समाप्ति सूर्य ग्रहण से हो रही है। इस साल कुल मिलाकर 6 ग्रहण लगे, जिसमें चार चंद्र और जबकि 2 सूर्य ग्रहण हैं। 21 जून को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था और दूसरा सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को लग रहा है।
15 दिनों के अंदर दूसरा ग्रहण
14 दिसंबर को लगने वाला ये ग्रहण 15 दिनों के अंदर लगने वाला दूसरा ग्रहण है। इससे पहले 30 नवंबर को पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा ग्रहण लगा था अब मार्गशीर्ष की अमावस्या तिथि पर सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। भारतीय समयानुसार ये ग्रहण शाम को 7 बजकर 3 मिनट से शुरू होगा और रात 12 बजकर 23 मिनट पर होगी। सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग 5 घंटे की रहेगी।
भारत में नहीं आएगा नजर
संध्याकाल में लगने की वजह से ये ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। इस वजह से ना तो इसके सूतक काल को मान्यता दी जाएगी और ना ही किसी तरह के कार्यों पर पांबदी नहीं होगी। लेकिन पुराण कहनते हैं कि यम नियम मानने में कोई नुकसान भी नहीं है। ये सूर्य ग्रहण दक्षिणी अफ्रीका, अधिकांश दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और हिंद महासागर और अंटार्कटिका में पूर्ण रूप से नजर आएगा।
ग्रहणकाल एक खगोलीय घटना है लेकिन धार्मिक रूप से इसे शुभ नहीं माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार भले ही ये ग्रहण भारत में नजर ना आए लेकिन इसका प्रभाव राशियों पर रहने वाला है। 14 दिसंबर को लगने वाला ये सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लग रहा है। इस ग्रहण काल के दौरान इस राशि वालों को बहुत सावधान रहने की जरूरत है।
वृश्चिक राशि वाले रहें सावधान
ग्रहण काल के दौरान वृश्चिक राशि में पांच ग्रह सूर्य, शुक्र, बुध, केतु और चंद्रमा पहले से ही होंगे। इसका असर वृश्चिक राशि के जातकों की सेहत पर पड़ेगा। इसके प्रभाव से इनके मान-सम्मान में कमी आ सकती है और इन लोगों को मानसिक पीड़ा भी उठानी पड़ सकती है। ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्मे लोगों को भी ग्रहणकाल के दौरान सावधानियां रखनी होंगी। वृश्चिक राशि वालों को इस दौरान सूर्य की आराधना करनी चाहिए।
रखें इन बातों का ध्यान
चाकू का इस्तेमाल ना करें।
ग्रहणकाल के दौरान चाकू, छुरी जैसे तेज किनारों वाली वस्तुओं का प्रयोग ना करें। इस दौरान भोजन और पानी का सेवन करने से भी बचें।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें
ग्रहणकाल के दौरान स्नान और पूजा ना करें ग्रहणकाल के दौरान इन कार्यों को शुभ नहीं माना जाता है। इस दौरान आप आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
ग्रहण के बाद घर का शुद्धिकरण कर लें।
ग्रहणकाल के बाद गंगाजल छिड़क कर घर का शुद्धिकरण कर लें। सूर्य ग्रहण के अगले दिन धनु संक्रांति है आप सूर्य से संबंधित कोई वस्तु दान कर सकते हैं। तांबा, गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र और तांबे की कोई वस्तु दान की जा सकती है।