Surya grahan 2023: सूर्य ग्रहण कई प्रकार के होते हैं, जैसे खग्रास यानी पूर्ण सूर्यग्रहण, खंडग्रास यानी आंशिक सूर्यग्रहण, कंकणाकृति सूर्य ग्रहण, वलयाकार सूर्यग्रहण और संकरित सूर्य ग्रहण यानी हाइब्रिड सूर्यग्रहण। कंकणाकृति में ग्रहण के दौरान कंकण के आकार के छोटे-छोटे धब्बे दिखाई देते हैं। वलयाकार में वलय जैसा नजर आता है यानी रिंग ऑफ फायर।
क्या होता है सूर्य ग्रहण : सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। हमारी धरती सूर्य की परिक्रमा लगा रही है और उसका उपग्रह चंद्रमा धरती का उल्टा चक्कर लगा रहा है। जब सूर्य और धरती के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य आंशिक या पूर्ण रूप से दिखाई देना बंद हो जाता है। ऐसी स्थिति में सूर्य का प्रकाश सीधा पृथ्वी पर नहीं आ पाता बल्कि उनका प्रकाश चंद्रमा द्वारा बाधित हो जाता है और पृथ्वी पर छाया पड़ने लगती है। ऐसी स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं।
हाइब्रिड सूर्यग्रहण : 2023 का पहला सूर्य ग्रहण वैशाख अमावस्या को लगने वाला है। इस सूर्य ग्रहण को संकरित सूर्य ग्रहण कहा जा रहा है। संकरित अर्थात हाइब्रिड सूर्यग्रहण। यह एक दुर्लभ सूर्य ग्रहण माना जा रहा है। कुछ जगहों पर यह पूर्ण सूर्य ग्रहण, कुछ जगहों पर वलयाकार सूर्य ग्रहण और कुछ जगहों पर यह कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा। इसीलिए इसे हाइब्रिड सूर्यग्रहण कहा जा रहा है।
इस सूर्य ग्रहण के बारे में बताया जा रहा है कि पृथ्वी के कुछ हिस्सों में पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।
कुछ हिस्सों में वलयाकार सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। वलयाकार सूर्य ग्रहण उत्तरी प्रशान्त महासागर के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा
आंशिक सूर्य ग्रहण न्यूजीलैण्ड, ऑस्ट्रेलिया, फिलिपींस, थाईलैण्ड, इंडोनेशिया, प्रशांद महासागर, हिन्द महासागर, अन्टार्कटिका के कुछ हिस्सों और दक्षिण-पूर्व एशिया में दिखाई देगा।