अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (फीफा) के अध्यक्ष जोसेफ सैप ब्लेटर ने कहा कि विश्व मंच पर आर्थिक और राजनीतिक रूप से तेजी से बढ़ रहे भारत को दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेल फुटबॉल में भी अपनी उचित जगह तलाशने के लिए आगे बढ़ना चाहिए।
ब्लेटर ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात के बाद यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा भारत विश्व मंच पर एक आर्थिक और राजनीतिक ताकत के रूप में उभर रहा है। मैं चाहता हूं कि एक अरब से अधिक जनसंख्या वाला देश भारत अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल परिवार में एक अहम भूमिका निभाए।
उन्होंने कहा मैं आज राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मिला था और दोनों नेता देश में फुटबॉल के विकास के लिए हरसंभव मदद को तैयार हैं। भारत वर्ष 2015 में विश्व क्लब चैंपियनशिप और वर्ष 2017 में अंडर-17 विश्वकप के लिए अपनी दावेदारी पेश करेगा। यह बहुत अच्छी पहल हैं और हम इसका समर्थन करते हैं। मैं कोई वादा तो नहीं कर सकता लेकिन मुझे उम्मीद है कि भारत अपनी मुहिम में कामयाब रहेगा।
ब्लेटर ने कहा फीफा भारत में कई परियोजनाएं चला रहा है। मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता और दिल्ली में गोल अकादमियां जल्दी ही शुरू हो जाएंगी। हमारी पूरे देश में ऐसी नौ अकादमियां खोलने का कार्यक्रम है। इसके अलावा बेंगलुरु और सिक्किम में प्रशिक्षण केन्द्र पहले से काम कर रहे हैं।
एक अरब से अधिक जनसंख्या वाला देश भारत हमारे लिए काफी अहम है। अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले मैं भारत को इस खेल में अगली कतार में शामिल देखना चाहता हूं।
यह पूछने पर कि क्या भारत विश्वकप की मेजबानी के लिए दावा कर सकता है? ब्लेटर ने कहा वर्ष 2030 तक भारत के पास कोई मौका नहीं है। वर्ष 2022 की मेजबानी कतर को मिली है। इसका मतलब है कि वर्ष 2026 में कोई गैर एशियाई देश विश्वकप की मेजबानी करेगा। उसके बाद क्या होगा इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। (वार्ता)