विश्व युवा चैम्पियन थोकचोम ननाओ सिंह दो अन्य मुक्केबाजों के साथ चीन के झुहाई में चल रही एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल्स में पहुँच गए लेकिन ओलिम्पियन विजेंदर सिंह और जितेंदर सिंह को सेमीफाइनल में मिली शिकस्त के बाद काँस्य पदक से संतोष करना पड़ेगा।
ननाओ (48 किग्रा), सुरंजय सिंह (51 किग्रा) और जय भगवान (60 किग्रा) अपने अपने वर्ग के खिताबी मुकाबले में पहुँच गए। विजेंदर (75 किग्रा) और जितेंदर (54 किग्रा), परमजीत समोता (प्लस 91 किग्रा) और दिनेश कुमार (81 किग्रा) को सेमीफाइनल में मिली हार से काँस्य पदक मिलेगा।
ननाओ ने सीनियर अंतरराष्ट्रीय आगाज करते हुए मंगोलिया के न्यायांबर तुगस्टोग्ट को 15-7 से परास्त किया। वहीं मणिपुर के साथी सुरंजय ने थाईलैंड के रूनेरोंग अमनाज पर 4-2 से जीत दर्ज की।
ननाओ अब फाइनल में थाईलैंड के पोंग्ट्रेयून कीयू और सुरंजय का सामना चीन के लि हाओ से होगा। जय भगवान ने कजाखस्तान के झालोव गानी को 7-2 से हराया और अब कल फाइनल में उनकी भिड़ंत तुर्कमेनिस्तान के हुडेबेरदेव से होगी।
विजेंदर का स्थानीय प्रबल दावेरा झांग जियांटिग से 8-11 से हारना हालाँकि हैरतभरा रहा क्योंकि यह 23 वर्षीय भारतीय बेहतरीन फॉर्म में चल रहा है। विजेंदर ने उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान जैसे शीर्ष मुक्केबाजों को परास्त किया था।
वहीं जितेंदर शुरू में 3-0 की बढ़त बनाए थे लेकिन वह रणनीति के अनुरूप नहीं खेल सके और चीन के मा यून्हाओ से 4-9 से हार गए।
दिनेश को उज्बेकिस्तान के रासुलोव एल्शोद से 4-13 से और समोटा को उज्बेकिस्तान के ही अब्दुल्लाऐव सरदोर से 1-15 से शिकस्त का सामना करना पड़ा। भारत ने पिछली एशियाई चैम्पियनशिप में एक रजत और चार काँस्य से पाँच पदक जीते थे।