हरियाणा के युवा मुक्केबाज़ ने ओलंपिक चैंपियन उज्बेकिस्तान के हसनब्वॉय दुस्मातोव को कड़े मुकाबले में 3-2 से पराजित करते हुए अपने करियर की सबसे बड़ी बाउट जीत अपने नाम कर ली। 18वें एशियाई खेलों में यह मुक्केबाजी में भारत का दूसरा पदक है। इससे पहले विकास कृष्णन ने 75 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीता था।
अमित ने दूसरे राउंड में लगातार तीन पंच लगाकर अंक बटोरे। उन्होंने 25 वर्षीय विपक्षी मुक्केबाज़ के सिर के पीछे भी पंच जड़े, हालांकि इससे उन्हें अंक नहीं मिले लेकिन हसनब्वॉय इससे कमजोर जरूर पड़े। उज्बेक मुक्केबाज़ ने भी वापसी करते हुए अच्छे पंच जड़े। हालांकि भारतीय खिलाड़ी का पलड़ा दो राउंड के बाद भारी ही रहा।
तीसरा राउंड और भी रोमांचक रहा जिसमें अमित ने आक्रामकता दिखाने के साथ काफी बचाव भी किया और बाईं एवं दाईं ओर से हुक्स लगाए। उन्होंने हसनब्वॉय के सामने अपनी लंबी कदकाठी का भी फायदा उठाया और आखिरी 15 सेकंड में उज्बेक मुक्केबाज़ के चेहरे में लगातार पंच जड़े। पांचों जजों ने हालांकि विभाजित फैसला सुनाया लेकिन अमित ने 28-29, 29-28, 29-28, 28-29, 30-27 से बाउट और स्वर्ण पदक जीत लिया।