गुजरात को दूसरे हॉफ की गलतियां भारी पड़ीं जबकि पवन बेंगलुरु टीम के सबसे बड़े हीरो बन गए। बेंगलुरु की बढ़त 37-32 हो गई और गुजरात खेमे में निराशा पसर गई। बेंगलुरु ने 38-33 के स्कोर पर खिताब जीत लिया। पवन को फाइनल के सर्वश्रेष्ठ रेडर का पुरस्कार मिला। पवन ने पहले हॉफ में मात्र 4 अंक बनाए थे लेकिन दूसरे हॉफ में उन्होंने 18 अंक बटोरकर अकेले अपने दम पर गुजरात को ध्वस्त कर दिया। पवन के बाद बेंगलुरु टीम में दूसरा सर्वाधिक स्कोर 3 था, जो सुमीत सिंह के नाम रहा।