कप्तान रानी ने भरोसा जताया है कि उनकी टीम एशियाड में पोडियम फिनिश के लिए पूरी कोशिश करेगी। उन्होंने कहा, हमें यकीन है कि यदि हम स्वर्ण पाते हैं तो 2020 टोक्यो ओलंपिक में सीधे प्रवेश पा सकते हैं। लेकिन इन खेलों में स्वर्ण जीतना आसानी नहीं है। हालांकि यदि हमें सीधे प्रवेश मिलता है तो हम आगे ओलंपिक की तैयारी अच्छे से कर सकते हैं।
एशियाड में महिला हॉकी ने 1982 दिल्ली खेलों से पदार्पण किया है और पिछले नौ संस्करणों में भारत के पास केवल एक स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य हैं जबकि वह चार बार चौथे स्थान पर रहा है। इंचियोन एशियाई खेलों में भारत को कांस्य पदक मिला था। भारत ने आखिरी बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में वर्ष 2002 राष्ट्रमंडल खेलों में महिला हॉकी का स्वर्ण जीता था।
वर्ष 2018 अप्रैल में भारतीय महिलाएं गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक मैच में इंग्लैंड से हारकर कांस्य से चूक गई थीं। रानी ने कहा, हमने एफआईएच महिला विश्वकप में अच्छा प्रदर्शन किया है और उसी लय को बरकरार रखते हुए एशियाड में और बेहतर खेल दिखाएंगे।
टीम के मैनेजर सी आर कुमार ने कहा, हमारी टीम की रैंकिंग ऊंची है और मनोवैज्ञानिक रूप से यह हमारे लिए मनोबल बढ़ाने वाला है। खिलाड़ियों को भी यह अहसास होता है कि वे ऊंची रैंकिंग की टीम से खेल रहे हैं। लेकिन इसी के साथ उन्हें अपनी रैंकिंग को मैदान पर साबित भी करना होगा।
कुमार ने कहा कि उच्च रैंकिंग आपको हमेशा फायदा देती है लेकिन यह आपकी सफलता सुनिश्चित नहीं कर सकती है। जरूरी है कि आप अच्छा प्रदर्शन करें। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करेंगे। सभी खिलाड़ियों ने अच्छी तैयारी की है और वे फिट भी हैं।
10 राष्ट्रों के टूर्नामेंट में भारत पूल बी में शामिल है जिसके साथ कोरिया, थाईलैंड, कजाखिस्तान और इंडोनेशिया हैं। ग्रुप में भारतीय महिलाओं की कोशिश पहले सेमीफाइनल तक पहुंचने की रहेगी। पूल ए में चीन, जापान, मलेशिया, हांगकांग और चीनी ताइपे की टीमें शामिल हैं। (वार्ता)