भारतीय बैडमिंटन टीम की थॉमस कप की एतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाने वाले खिलाड़ियों में से एक किदाम्बी श्रीकांत ने इसे अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धियों में शुमार किया।भारतीय टीम ने 14 बार की चैम्पियन इंडोनेशिया पर 3-0 की जीत से पहली बार थॉमस कप जीता जिसमें श्रीकांत ने अहम भूमिका अदा की।
गौरतलब है कि किदाम्बी श्रीकांत जब थॉमस कप के फाइनल में इंडोनेशिया के क्रिस्टी के खिलाफ बैडमिंटन कोर्ट पर उतरे तो भारत इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ा था।
तीसरे मैच में श्रीकांत हावी होकर खेले और उन्होंने जोनाथन क्रिस्टी को 48 मिनट में 21-15, 23-21 से पराजित कर खिताब भारत की झोली में डाल दिया। भारत के 3-0 की अपराजेय बढ़त बनाने के बाद शेष दो मैचों की जरूरत नहीं पड़ी।
इससे पहले लक्ष्य सेन फाइनल के पहले सेट में लगातार फिसलन के कारण हारे वहीं चिराग और सात्विकसाइराज की जोड़ी भी पहले सेट में हारी और दूसरे सेट में हैरत अंगेज वापसी की।सिर्फ फाइनल ही नहीं श्रीकांत को पूरे थॉमस कप टूर्नामेंट में एक भी हार का सामना नहीं करना पड़ा।
श्रीकांत ने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा, व्यक्तिगत स्पर्धायें हमेशा टीम स्पर्धाओं से अलग होती है और हमें मुश्किल से ही टीम स्पर्धायें खेलने को मिलती हैं और थॉमस कप फाइनल्स बड़ा टीम टूर्नामेंट है। इसलिये इतना बड़ा टूर्नामेंट जीतना वास्तव में बड़ा क्षण है। ऐसा वास्तव में हो गया है, इससे महसूस करने में समय लगेगा।
उन्होंने कहा, मैं इसे अपनी सबसे बड़ी जीत में से एक करार करूंगा और मैं खुश हूं कि प्रत्येक खिलाड़ी बहुत अच्छा खेला। मुझे नहीं लगता कि यह व्यक्तिगत जीत है, यह सभी 10 खिलाड़ियों की जीत है, जब भी जरूरत पड़ी, प्रत्येक ने योगदान दिया।
पिछले साल स्पेन में विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाले श्रीकांत ने कहा कि वह अपनी जीत की तुलना नहीं कर सकते लेकिन यह उनके करियर की बड़ी जीत में से एक थी।
उन्होंने कहा, मैंने दिसंबर में भी विश्व चैम्पियनशिप में अच्छा प्रदर्शन किया था और यह एक अन्य टूर्नामेंट था जिसमें मैंने अच्छा किया। मैं अपनी इन जीत की तुलना नहीं कर सकता, मैं अपनी इन जीत को रैंक नहीं करना चाहता, ये सभी अहम हैं।
श्रीकांत ने कहा, यह निश्चित रूप से बड़ी जीत से एक है, टूर्नामेंट के हिसाब से सर्वश्रेष्ठ और मेरे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में से एक।