ओलंपिक चैम्पियन भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने बुधवार को भारतीय प्रशंसकों के लिए ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धाओं को और अधिक आकर्षक और बिकाऊ बनाने की बात कही।तोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता एथलीट ने देश में एथलेटिक्स की दिक्कतों पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, पहली बात तो मुझे लगता है कि हम जिन टूर्नामेंट में भाग लेते हैं, उन्हें भारत में प्रसारित किया जाना चाहिए जिनमें डायमंड लीग, महाद्वीपीय टूर ओर विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप शामिल हैं।
उन्होंने कहा, इस समय हमें केवल हाईलाइट्स देखने को मिलती हैं जबकि लोग एथलेटिक्स को देखना चाहते हैं। वे रात में एक दो बजे तक जागे भी रहते हैं और अपने खिलाड़ी को खेलते हुए देखने का इंतजार करते हैं लेकिन जब वे किसी भी चैनल पर उन्हें देख नहीं पाते तो उन्हें निराशा हाथ लगती है।
वह यहां आरसीबी इनोवेशन लैब के लीडर्स मीट इंडिया कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।चोपड़ा ने कहा कि एथलेटिक्स की स्पर्धाओं को टीवी पर दिखाने से ज्यादा से ज्यादा लोग इन्हें देखना शुरू कर देंगे, इन्हें समझेंगे और भारतीय खिलाड़ी जिन टूर्नामेंट में खेलते हैं, उनके बारे में उनकी जागरूकता भी बढ़ेगी।
हरियाणा के चोपड़ा का यह वर्ष शानदार रहा है जिसमें उन्होंने एशियाई खेलों और विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीते हैं।चोपड़ा ने पिछले कुछ वर्षों में भारत की खेल संस्कृति में हुए विकास के बारे में भी बात की जिसमें उन्होंने देश में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी की जरूरत पर जोर दिया क्योंकि ये एथलेटिक्स के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती हैं।उन्होंने कहा, अगर कीनिया और ग्रेनाडा जैसे देश नियमित तौर पर विश्व स्तर के अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स टूर्नामेंट की मेजबानी कर सकते हैं तो भारत भी ऐसा करने में सक्षम है।
चोपड़ा ने कहा, जब भी मैं विश्व एथलेटिक्स संस्था के लोगों से मुलाकात करता हूं तो वे भारत में इस तरह के टूर्नामेंट की मेजबानी में अपनी दिलचस्पी बयां करते हैं। मुझे उम्मीद है कि अगर भारत इस तरह की प्रतियोगिताओं की मेजबानी करता है तो काफी ज्यादा लोग स्टेडियम में आकर इन चैम्पियनशिप का लुत्फ उठा सकते हैं और इनसे प्रेरित हो सकते हैं।
ब्रेक के बाद वापसी की अपनी तैयारियों पर बात करते हुए चोपड़ा ने कहा, मेरी तैयारी सबसे पहले पिछले कुछ दिनों में हुए अतिरिक्त फैट को घटाने से शुरू होगी। मैंने घर में काफी दूध पिया, घी और चूरमा खाया और मिठाई भी। मैंने खुद को काबू करने की कोशिश की लेकिन नहीं कर सका। लेकिन जानता हूं कि जब ट्रेनिंग शुरू करूंगा तो दो-तीन हफ्ते में सब ठीक हो जायेगा। (भाषा)