मीणा ने बताया कि इस रेस में पावरबोट की गति 250 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक होती है जो एफवन रेस में इस्तेमाल होने वाली गाड़ियों की गति के बराबर है। उन्होंने कहा, 'इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब पानी पर पावरबोट की एफवन रेसिंग देखने को मिलेगी तो इसका रोमांच कितना ज्यादा होगा। इससे राज्य में निश्चित रूप से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।'
मीणा ने बताया कि एक सत्र में इस रेस के सात राउंड होते हैं और इसका पांचवां राउंड भारत में होने जा रहा है। इससे पहले पुर्तगाल, चीन और लंदन में भी इसका आयोजन हो चुका है। उन्होंने बताया कि इस रेस में 10 से 12 अंतरराष्ट्रीय टीमें हिस्सा लेंगी, जिनमें नार्वे, पुर्तगाल, स्वीडन, अबुधाबी, यूएई, आंध्र की टीम, चीन और आस्ट्रेलिया शामिल हैं।
आंध्रप्रदेश पर्यटन प्राधिकरण एफवन एच2ओ ग्रां प्री और इंडिया एक्सट्रीम एडवेंचर एक्टिविटीज के सहयोग से इसका आयोजन हो रहा है। इस अवसर पर एफवन एच2ओ ग्रां प्री के निदेशक मार्को पैट्रिनी मौजूद थे। इस रेस का प्रसारण 50 से अधिक देशों में किया जाएगा, जिसे लगभग एक करोड़ लोग देखेंगे। इस रेस को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति से मान्यता प्राप्त है।