12 जून को शुरू हुआ यूरो कप का सफर अब अपने अंतिम और सबसे रोमांचक पड़ाव पर आ पहुंचा है। फुटबॉल जगत को अब इटली या इंग्लैंड के रूप में उनका नया चैंपियन मिलने वाला है। इंग्लैंड जहां पहली बार यूरो कप का फाइनल खेलने के लिए तैयार है तो दूसरी तरह इटली चौथी बार फाइनल खेलता नजर आएगा।
इटली नहीं है किसी से कम
इटली की बात करें तो वह अभी तक सिर्फ एक ही बार यूरो कप पर कब्जा जमा सकी है। साल 1968 में टीम ने यूरो का खिताब अपने नाम किया था। हालांकि, 1968 के बाद एक नहीं बल्कि दो-दो बार टीम के पास फिर से यूरो चैंपियन बनने का मौका आया लेकिन रनर अप बनकर ही रह गई। साल 2000 में फ्रांस और 2012 में स्पेन ने फाइनल में इटली के यूरो कप जीतने का सपना तोड़ दिया।
1968 में इटली ने यूगोस्लाविया को 2-0 से हराकर यूरो को जीता था, जबकि 2000 में टीम को फ्रांस ने 2-1 से हराया था। उसके बाद 2012 मीम स्पेन के हाथों टीम को 4-0 से बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। वैसे बीते कुछ सालों में इटली ने यूरोपियन फुटबॉल में बहुत ही कमाल का खेल दिखाया है और इस बार टीम को चैंपियन के रूप में भी देखा जा रहा है।
इटली के मुख्य खिलाड़ी
इटली की खास बात यह है कि वह अभी तक किसी एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं रहे हैं। हालांकि, टीम के लिए निकोलो बरेला ने अपने प्रदर्शन से सभी को खासा प्रभावित किया है। बरेला एक बेहतरीन मिडफील्डर है और अगर इंग्लैंड को खिताब जीतना है तो इंटर मिलान के इस खिलाड़ी पर खास नजर रखनी होगी।
क्या कहता है इंग्लैंड का इतिहास
पिछले 55 सालों में इंग्लैंड पहली बार किसी बड़े फुटबॉल इवेंट के फाइनल में पहुंचा है और इस बार टीम के पास अपने घरेलू समर्थकों के बीच इतिहास बनाने का बढ़िया मौका भी है। अंग्रजों की टोली ने डेनमार्क को 2-1 से हराकर फाइनल का टिकट कटाया और अब हर जगह बस Its Home Coming के नारे ही सुनने को मिल रहे हैं।
इंग्लैंड 1966 के बाद पहली बार किसी बड़े इवेंट के फाइनल में पहुंचा है। 1966 टीम ने एकमात्र खिताब के रूप में विश्व कप पर कब्जा जमाया था। पिछले 55 सालों में टीम को एक या दो बार नहीं पूरे चार बार सेमीफाइनल में मिली हार का सामना करना पड़ा। तीन सेमीफाइनल (1990, 1996 और 2018) तो इंग्लैंड ने पेनल्टी शूटआउट में गंवाए थे।
इंग्लैंड की ताकत
यूरो को में इंग्लैंड के लिए विंगर और अटैकिंग मिड फील्डर रहीम स्टर्लिंग ने बेहद ही शानदार खेल दिखाया है। अभी तक खेले तीन मैचों में उन्होंने दो गोल दागे हैं। अभी तक पूरे यूरो में वह एक अलग खिलाड़ी बनकर इंग्लैंड के सामने आए हैं। मैनचेस्टर सिटी फॉरवर्ड हर खेल में इंग्लैंड के लिए निर्णायक खिलाड़ी रहा है और इटली को इस 26 वर्षीय खिलाड़ी पर कड़ी नजर रखनी चाहिए।
किसमें कितना है दम
इटली और इंग्लैंड के बीच अभी तक इतिहास में कुल 27 मुकाबले खेले गए हैं और इस दौरान इटली का पलड़ा थोड़ा भारी नजर आया है। 1968 की यूरो चैंपियन ने 11 बार इंग्लैंड को पानी पिलाया है, जबकि इंग्लिश टीम सिर्फ आठ मैच ही जीत सकी। 8 मैच ड्रॉ रहे।
इटली जीता : 11 इंग्लैंड जीता : 8 ड्रॉ : 8
आखिरी बार इन दोनों टीमों का आमना-सामना 27 मार्च, 2018 को हुआ था और तब मुकाबला 1-1 की बराबरी पर समाप्त हुआ था।