पेनल्टी से चूकने वाले इंग्लैंड के खिलाड़ियों के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने भी की निंदा

सोमवार, 12 जुलाई 2021 (18:15 IST)
लंदन: यूरोपीय फुटबॉल चैंपियनशिप के फाइनल में इटली के खिलाफ पेनल्टी शूटआउट में चूकने वाले इंग्लैंड के तीनों अश्वेत खिलाड़ियों को सोशल मीडिया पर नस्लीय टिप्पणियों का सामना करना पड़ा। इसके बाद इंग्लैंड फुटबॉल संघ (एफए) ने बयान जारी करके खिलाड़ियों के लिए उपयोग की जा रही भाषा की निंदा की।

वहीं, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी सोमवार को इंग्लैंड के तीन अश्वेत खिलाड़ियों के प्रति नस्लीय टिप्पणी की निंदा की जो यूरोपीय फुटबॉल चैंपियनशिप के फाइनल में पेनल्टी शूट आउट में इटली के खिलाफ गोल करने से चूक गए थे। जॉनसन ने ट्वीट किया कि इस तरह के घटिया दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार लोगों को खुद पर शर्म आनी चाहिए।

This England team deserve to be lauded as heroes, not racially abused on social media.

Those responsible for this appalling abuse should be ashamed of themselves.

— Boris Johnson (@BorisJohnson) July 12, 2021
 
इंग्लैंड की टीम में सबसे युवा खिलाड़ियों में से एक 19 वर्षीय बुकायो साका के पेनल्टी पर चूकने से इटली ने खिताब जीता और इंग्लैंड 1966 विश्व कप के बाद कोई बड़ा टूर्नामेंट जीतने में नाकाम रहा। यह लगातार तीसरा अवसर है जबकि इंग्लैंड को पेनल्टी शूटआउट में असफलता हाथ लगी। रविवार रात हुए फाइनल में मार्कस रशफोर्ड की पेनल्टी गोल पोस्ट से टकरा गई थी जबकि बुकायो साका और जेडन सांचो की पेनल्टी को को इटली के गोलकीपर ने रोक दिया। नियमित और अतिरिक्त समय में मुकाबला 1-1 से बराबर रहने के बाद इटली ने पेनल्टी शूट आउट में 3-2 से जीत दर्ज की।

19 साल के साका निर्णायक पेनल्टी को गोल में बदलने में नाकाम रहे जिससे इटली ने खिताब जीता और इंग्लैंड की टीम 1966 विश्व कप के बाद अपना पहला पड़ा खिताब जीतने में नाकाम रही। इन तीनों खिलाड़ियों को तुरंत की सोशल मीडिया पर नस्ली दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा। लंदन के मेयर सादिक खान ने सोशल मीडिया कंपनियों से अपील की कि वे जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने के लिए अधिक कदम उठाएं।

There is absolutely no place for racism in football or anywhere else.

Those responsible for the disgusting online abuse we have seen must be held accountable - and social media companies need to act immediately to remove and prevent this hate.

— Sadiq Khan (@SadiqKhan) July 12, 2021
 
उन्होंने ट्वीट किया, ''फुटबॉल या कहीं और नस्लवाद के लिए कोई जगह नहीं है। घटिया ऑनलाइन दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए और सोशल मीडिया कंपनियों को इस नफरत से बचने और हटाने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।''

इंग्लैंड की टीम ने यूरोपीय चैंपियनशिप में मैचों से पहले एक घुटने के बल बैठकर नस्लीय असमानता दूर करने के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया था। टीम ने फाइनल में पेनल्टी शूटआउट में चूकने से पहले अपने समर्थकों का दिल भी जीता लेकिन खिताब नहीं जीतने के बाद घृणा खुलकर सामने आ गई।

एफए ने बयान में कहा, ''हम प्रभावित खिलाड़ियों का पुरजोर समर्थन करते रहेंगे और (नस्लभेदी टिप्पणियां करने के लिए) जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा देने की अपील करेंगे।'' लंदन की मेट्रोपोलिटन पुलिस ने भी कहा कि वह सोशल मीडिया पर 'अपमानजनक और नस्लीय' टिप्पणियों की जांच कर रही है।

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