टोक्यो: निशानेबाज मनीष नरवाल ने पैरालम्पिक रिकॉर्ड के साथ तोक्यो खेलों में भारत की झोली में तीसरा स्वर्ण पदक डाला जबकि सिंहराज अडाना ने रजत पदक जीता जिससे पी4 मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच 1 स्पर्धा में शीर्ष दोनों स्थान भारत के नाम रहे।
इस वर्ग में विश्व रिकॉर्डधारी उन्नीस वर्ष के नरवाल ने पैरालम्पिक का रिकॉर्ड बनाते हुए 218 . 2 स्कोर करके अपने पहले ही खेलों में पीला तमगा जीता।स्वर्ण जीतने के बाद उन्होंने कहा, मैं बहुत खुश हूं।
वहीं पी1 पुरूषों की एस मीटर एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में मंगलवार को कांस्य जीतने वाले 39 वर्ष के अडाना ने 216 . 7 अंक बनाकर रजत पदक अपने नाम किया । इसके साथ ही अडाना एक ही खेलों में दो पदक जीतने वाले चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हो गए।
अडाना ने कहा , आज फाइनल बहुत कठिन था । जब मैं तीसरे स्थान पर था तो मैने खुद से कहा कि सिंहराज अच्छा प्रदर्शन, रूको, सांस लो, रूको , ओके। एक शॉट , बस एक शॉट। कोई और बात मेरे दिमाग में चल ही नहीं रही थी।
फाइनल में पहनी हैट के बारे में उन्होंने कहा ,यह मेरी पत्नी ने मुझे तोहफे में दी थी और मेरे लिये लकी है।
निशानेबाज अवनि लेखरा ने मौजूदा खेलों में स्वर्ण और कांस्य पदक जीता है। वहीं जोगिंदर सिंह सोढी ने 1984 पैरालम्पिक में रजत और कांस्य पदक जीता था।रूसी ओलंपिक समिति के सर्जेइ मालिशेव ने 196 . 8 अंकों के साथ कांस्य पदक जीता।
नरवाल ने यूएई में 2021 पैरा निशानेबाजी विश्व कप में पी4 में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण और टीम वर्ग में रजत पदक जीता था। उन्होंने सिडनी पैरा निशानेबाजी विश्व चैम्पियनशिप 2019 में तीन कांस्य पदक जीते थे।
एसएच1 वर्ग में निशानेबाज एक ही हाथ से पिस्टल पकड़ते हैं क्योंकि उनके एक हाथ या पैर में विकार होता है जो रीढ की में चोट या अंग कटने की वजह से होता है। कुछ निशानेबाज खड़े होकर तो कुछ बैठकर निशाना लगाते हैं।(भाषा)