खेल सामान पर माल एवं सेवाकर के तहत ऊंची दर से कर लगने से निशानेबाज काफी चिंतित हैं। इससे विदेश से निशानेबाजी उपकरण खरीदने पर उन्हें भारी खर्च करना पड़ेगा। एनआरएआई अध्यक्ष रनिंदर सिंह ने कहा कि हमने वित्त मंत्रालय के सामने यह मसला रखा है और हमें उम्मीद है कि इसका जल्दी हल निकलेगा। एनआरएआई अपनी ओर से पूरी कोशिश करेगा कि खिलाड़ियों और खेल पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
'पिस्टल किंग' कहे जाने वाले जसपाल राणा ने कहा कि खेल सामान पर जीएसटी लगाना अवरोधक है खासकर उन खिलाड़ियों के लिए जो गरीब घरों से आते हैं। उन्होंने कहा कि देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों की हौसला-अफजाई करने वाले की बजाय उन पर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है कि खेल उपकरणों पर 18 से 28 प्रतिशत जीएसटी देना होगा।
हाल ही में एनआरएआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और सांसद कैलाश नारायण सिंहदेव ने संसद में यह मसला उठाया था। राणा ने कहा कि जीएसटी आधिकारिक तौर पर लागू होने से पहले वे कहां थे। उन्होंने कहा कि महासंघ या सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। खिलाड़ियों की समस्याओं पर सरकार या महासंघ की ओर से सोशल मीडिया या किसी अन्य मंच पर कोई चिंता जाहिर नहीं की गई। (भाषा)