कोरोना के कारण 71 वर्षीय पूर्व भारतीय फुटबॉलर सुरजीत सेनगुप्ता का हुआ निधन
गुरुवार, 17 फ़रवरी 2022 (17:29 IST)
कोलकाता:भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व विंगर एवं ईस्ट बंगाल फुटबॉल क्लब के दिग्गज खिलाड़ी सुरजीत सेनगुप्ता का गुरुवार को यहां कोलकाता के एक अस्पताल में कोरोना वायरस से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद निधन हो गया। उन्होंने आज दोपहर अंतिम सांस ली। वह 71 वर्ष के थे।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने उनके निधन पर शोक जताया है। एआईएफएफ के अध्यक्ष प्रफुल पटेल ने अपने शोक संदेश में कहा, “ यह सुनकर दुख हुआ कि भारतीय फुटबॉल के इतिहास में सबसे कुशल विंगरों में से एक सुरजीत दा नहीं रहे। भारतीय फुटबॉल में उनका अमूल्य योगदान हमेशा हमारे साथ रहेगा और कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। भारतीय फुटबॉल बेसहारा हो गया है। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं। ”
एआईएफएफ के महासचिव कुशल दास ने शोक जताते हुए कहा, “ सुरजीत सेनगुप्ता अपनी उपलब्धियों में हमेशा जिंदा रहेंगे। वह एक बेहद चालाक विंगर थे जो कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणा रहे हैं। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।”
Lost veteran star footballer Surajit Sengupta today. Heartthrob of football fans and an outstanding national sportsman as well as a perfect gentleman, he will ever be in our hearts.
Deepest condolences.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सुरजीत के निधन पर शोक जताया है। ममता ने एक ट्वीट में लिखा, “ आज दिग्गज स्टार फुटबॉलर सुरजीत सेनगुप्ता को खो दिया। फुटबॉल प्रशंसकों के दिल की धड़कन और एक उत्कृष्ट राष्ट्रीय खिलाड़ी होने के साथ-साथ वह एक आदर्श व्यक्ति थे। वह हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे।”
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें 23 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और पिछले हफ्ते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। सेनगुप्ता का निधन ईस्ट बंगाल फुटबॉल क्लब के लिए एक बड़े सदमे की तरह है, जिसने पिछले महीने अपने एक और दिग्गज फुटबॉलर सुभाष भौमिक को खो दिया था।
सेनगुप्ता, जिन्होंने 24 जुलाई, 1974 को कुआलालंपुर में मर्डेका कप में थाईलैंड के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया, ने 14 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और इस दौरान एक गोल किया, जो 1978 के एशियाई खेलों में कुवैत के खिलाफ आया था। उन्होंने 1974 और 1978 में एशियाई खेलों, 1974 में मर्डेका कप, 1977 में सोल में प्रेसिडेंट्स कप और 1979 में यूएई और बहरीन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
वह इसके अलावा ईस्ट बंगाल क्लब में स्वर्ण युग का हिस्सा थे, जब उन्होंने लगातार छह कलकत्ता फुटबॉल लीग खिताबों (1970-1976) के साथ छह बार आईएफए शील्ड और तीन बार डूरंड कप खिताब जीता था। 30 अगस्त 1951 को जन्मे सेनगुप्ता ने अपने फुटबॉल करियर की शुरुआत किडरपुर क्लब से की और कोलकाता मैदान के तीन बड़े क्लबों का प्रतिनिधित्व किया।
वह 1972 से दो सीजन में मोहन बागान के लिए खेले और 1974 में उन्होंने छह साल के लिए ईस्ट बंगाल क्लब को अपना घर बना लिया। उन्होंने फिर 1980 में मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब के साथ साइन किया और बाद में अपने करियर के अंतिम दिनों में मोहन बागान में लौट आए थे।(वार्ता)